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दिल्ली हिंसा मामलाः आरोपित ने कोर्ट में कहा- सरकार की नीतियों की आलोचना देश का विरोध नहीं

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में आरोप तय करने को लेकर हुई सुनवाई के दौरान आरोपित ताहिर हुसैन ने कहा कि सरकार की नीतियों की आलोचना करना तब तक देश का विरोध करना नहीं है, जब तक वो देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा न करे। एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी आरोप तय करने पर कल यानि 24 अक्टूबर को भी सुनवाई जारी रखेंगे।

सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि दिल्ली दंगों से जुड़े 765 एफआईआर में किसी में भी दिल्ली पुलिस ने आतंकी कार्रवाई का जिक्र नहीं किया है। ऐसे में आरोपित के खिलाफ आतंकी गतिविधि का मामला कैसे चल सकता है। राजीव मोहन ने कहा आरोपी जिन संगठनों से जुड़े हुए थे उन संगठनों पर भी सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि किसी के इकबालिया बयान के आधार पर आरोपित के खिलाफ यूएपीए का केस नहीं चलाया जा सकता है।

इसके पहले 21 अक्टूबर को आरोपित ताहिर हुसैन की ओर से आरोप तय करने पर आंशिक दलीलें रखी गई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच पूरी कर ली है। कोर्ट ने 5 सितंबर से इस मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई शुरू कर दी थी। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुआ दंगा गहरी साजिश का नतीजा थी। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि 04 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन कानून संसद की ओर से पारित होने के बाद दंगे की साजिश रची गई। उन्होंने चार्जशीट का जिक्र करते हुए कहा कि दंगे की इस साजिश में कई संगठन शामिल थे। इन संगठनों में पिंजरा तोड़, एएजेडएमआई, एसआईओ, एसएफआई इत्यादि संगठन शामिल थे। उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत और गवाहों के बयानों का जिक्र करते हुए अपनी दलीलों की पुष्टि की।

बतादें कि इस मामले में 06 मार्च 2020 को एफआईआर दर्ज किया गया था। उसके बाद अब तक एक चार्जशीट और चार पूरक चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इस मामले में उमर खालिद समेत 18 आरोपितों के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल किया गया है।

इस मामले में जिन लोगों को आरोपित बनाया गया है उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं। इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है।

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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