HEADLINES

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कुलपति के चयन में वीसी की पत्नी का नाम शॉर्टलिस्ट में आने को चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट

-हाईकोर्ट ने विपक्षियों को नोटिस जारी कर याचिका पर मांगा जवाब

प्रयागराज, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने (एएमयू) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन में कार्यवाहक वीसी की पत्नी का नाम शॉर्टलिस्ट की गई सूची में आने के बाद चयन प्रक्रिया की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर विपक्षियों को नोटिस जारी की है और चार हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है।

कोर्ट ने प्रोफेसर डॉ मुजफ्फर उर्ज रब्बानी की याचिका को अन्य डॉ मुजाहिद बेग व सैयद अफजल मुर्तजा रिजवी की विचाराधीन याचिका के साथ सुनवाई हेतु पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने मुजफ्फर उर्ज रब्बानी व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

एक याचिका जामिया मिलिया इस्लामिया में कम्प्यूटर विज्ञान विभाग के प्रोफेसर सैयद अफजल मुर्तजा रिजवी ने दाखिल की थी। जिसे न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने नये सिरे से बेहतर याचिका दायर करने की छूट देते हुए खारिज कर दी थी।

याची का कहना था कि पिछले सप्ताह एएमयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक में कुलपति पद के लिए अंतिम तीन उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिसमें कार्यवाहक कुलपति की पत्नी भी शामिल है। कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद गुलरेज़ की पत्नी नईमा खातून एएमयू के महिला कॉलेज की प्रिंसिपल हैं। उन्हें एएमयू कोर्ट शासी निकाय के सदस्यों के 50 वोट मिले। अन्य दो शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों एम उरुज रब्बानी (एएमयू के मेडिसिन संकाय के पूर्व डीन) और फैजान मुस्तफा (प्रसिद्ध न्यायविद व नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नलसर के पूर्व वीसी) को क्रमशः 61 एवं 53 वोट मिले। मो गुलरेज़ की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में एएमयू कोर्ट में भेजने के लिए पांच उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया।

सोमवार को शासी निकाय ने फुरकान कमर (राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी व हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले वीसी) और कय्यूम हुसैन (क्लस्टर यूनिवर्सिटी श्रीनगर के वीसी) के नाम हटाकर सूची को तीन कर दिया। कार्यवाहक वीसी की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा नईमा खातून का नाम शॉर्टलिस्ट किए जाने से हितों के टकराव का सवाल खड़ा हो गया है। नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए एक बैठक में भाग लेने वाले एएमयू गवर्निंग बॉडी के आठ सदस्यों ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए एक मजबूत असहमति नोट प्रस्तुत किया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने बताया था कि इस संस्थान के अधिनियम और क़ानून में ऐसा कुछ भी नहीं है जो कुलपति को उस बैठक की अध्यक्षता करने या मतदान से रोकता है, जिसमें उनकी पत्नी चयन के लिए उम्मीदवारों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि वीसी पद के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए तीन नामों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजा जाएगा, जो विश्वविद्यालय की विजिटर हैं। वह एएमयू के वीसी पद के लिए किसी एक नाम का चयन करेंगी। यदि कार्यवाहक वीसी की पत्नी के नाम का चयन किया गया तो नियुक्त होने पर नईमा खातून एएमयू की कुलपति बनने वाली पहली महिला होंगी। हालांकि याचिका में कुलपति की नियुक्ति में मनमानी करने व व्यापक अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है।

————-

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

Most Popular

To Top