जम्मू, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शहीद किसान बाबा जीतो संघर्ष समिति (एसकेबीजेएसएम) ने मांग की है कि जम्मू में कृषि विश्वविद्यालय का नाम बाबा जित्तो जी के नाम पर रखा जाना चाहिए। समिति के अनुसार वह हमारे क्षेत्र के एक सम्मानित ऐतिहासिक व्यक्तित्व हैं ,वह एक किसान भी हैं और सभी क्षेत्रों, जातियों, पंथों, वर्गों में पूजे जाते हैं।
मीडिया को संबोधित करते हुए प्रताप सिंह ने कहा कि 15वीं सदी के क्रांतिकारी किसान बावा जित्तो जम्मू के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा हैं और उन्हें किसान संत शहीद के रूप में पूजा जाता है लेकिन उनके नाम पर कोई संस्था नहीं है जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रकाश स्तंभ बन सके। किसान जीत मल जिन्हें बावा जित्तो के नाम से जाना जाता है का सर्वोच्च बलिदान हाशिए पर पड़े किसानों की लड़ाई और अतीत में किसानों की भयावह स्थिति का प्रतीक है। जम्मू क्षेत्र में बावा जित्तो को जनता के एक महान नायक के रूप में देखा जाता है जिन्होंने पंद्रहवीं शताब्दी में अत्याचारी सामंती व्यवस्था और दमनकारी ताकतों के खिलाफ अद्वितीय विरोध के रूप में अपना जीवन बलिदान कर दिया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में भी जम्मू के कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर बाबा जित्तो कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय करने तथा इसे केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने का वादा किया था। अब समय आ गया है कि भाजपा के निर्वाचित विधायक श्रीनगर में होने वाले पहले विधानसभा सत्र में इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाएं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में जब संस्थानों का नाम स्थानीय नायकों और शहीदों के नाम पर रखा जा रहा है ऐसे में बावा जित्तो से अधिक योग्य और प्रेरणादायी कोई नहीं हो सकता।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा