Uttar Pradesh

मातृ व शिशु देखभाल में अनुकरणीय मॉडल बना वाराणसी,तीन साल से लगातार टॉप-5 की सूची में

— प्रदेश सरकार के 10 बिंदुओं पर आधारित प्रबंधन ने संस्थागत प्रसव, सिजेरियन और शिशु देखभाल के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति को किया प्रशस्त

वाराणसी,23 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं व बुनियादी ढांचों में सुधारों के जरिए उत्तम प्रदेश बनाने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार गंभीर है। सरकार ने वाराणसी में मातृ एवं शिशु देखभाल के क्षेत्र में अपने सफल प्रयासों से राज्य के अन्य जिलों के लिए एक मिसाल कायम की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंशा अनुसार, 10 बिंदुओं पर आधारित प्रबंधन के जरिए संस्थागत प्रसव, सिजेरियन और शिशु देखभाल के क्षेत्र में वाराणसी ने उल्लेखनीय प्रगति की है। बेहतर प्रबंधन से शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में भी भारी कमी आई है। इन प्रयासों ने वाराणसी को पिछले तीन वर्षों से राज्य में टॉप-5 की सूची में बनाए रखा है।

—तीन साल से टॉप-5 में बना हुआ है वाराणसी

वाराणसी में सफलतापूर्वक चल रही मातृ एवं शिशु देखभाल योजना अन्य जिलों के लिए रोल मॉडल साबित हो रहा है । जिले के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि 10 बिंदुओं को आधार बनाकर उस पर काम करने से वाराणसी तीन सालों से लगातार टॉप-5 की सूची में बना हुआ है। उन्होंने बताया कि सिजेरियन प्रसव और कम वजन वाले शिशुओं के प्रभावी प्रबंधन में विशेष वृद्धि हुई है। बेहतर प्रबंधन से शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), और नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) में जबरदस्त कमी आई है।

—10 बिंदुओं की सफलता के परिणाम

1-पिछले तीन वर्षों में संस्थागत प्रसव में 60 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है, जिसमें 2020-21 में 55,132 से बढ़कर 2023-24 में 78,178 प्रसव हुए हैं।

2-जटिल प्रसवों में सिजेरियन प्रसव बढ़ा है, 2020-21 में 2,705 से 2023-24 में 18,351 तक इजाफा हुआ है। उच्च जोखिम वाली गर्भधारण की ट्रैकिंग से स्थिति में सुधार आया, जिसमें 2020-21 में 3 से 2023-24 में 10-11 की वृद्धि हुई है। -जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं का प्रभावी प्रबंधन किया गया, हर साल 5,500 से अधिक शिशुओं का सफलतापूर्वक इलाज किया गया।

— वाराणसी में अपनाए गए यह 10 एक्शन प्लान

इस सफलता के पीछे प्रमुख योगदान वाराणसी में लागू किए गए 10 बिंदुओं पर आधारित योजनाओं का है। इनमें मॉडल वीएचएनडी (ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस): 3000 से अधिक वीएचएनडी साइटों पर जन्म और विभिन्न परीक्षणों की नियमित निगरानी। वीएचएनडी साइटों को सुलभ स्थानों पर स्थानांतरित करना। अधिक उपयुक्त सेंटर पर साइटों को स्थानांतरित कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। एनबीएसयू (न्यू बॉर्न स्टेब्लाइजेशन यूनिट ) केयर को उच्चीकृत करने के साथ प्रसव सेंटर पर स्थापित किया गया। जटिल प्रसवों के लिए एफआरयू की संख्या में वृद्धि,कम वजन वाले शिशुओं की देखभाल के लिए 12 नए मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (एमएनसीयू) की स्थापना,200 से अधिक प्रसव उपकेंद्रों को उच्चीकृत कर सुविधाओं का विस्तार किया गया।

नवजात की देखभाल के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान की गईं। एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हाई रिस्क प्रेग्नेन्सीज़ की बेहतर निगरानी की गई। इस योजना के तहत बेहतर सर्जरी और प्रसव कक्ष की व्यवस्था की गई। सभी उपायों की साप्ताहिक आधार पर नियमित निगरानी की जा रही है।

इस मॉडल की सफलता ने वाराणसी को जननी सुरक्षा योजना और मातृ वंदना योजना में राज्य के शीर्ष जिलों में शामिल कर दिया है, जो अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का कार्य कर रहा है।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top