Jammu & Kashmir

अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद हुर्रियत के उदारवादी नेताओं ने की पहली बैठक

श्रीनगर, 23 अक्टूबर हि.स.। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त किए जाने के बाद पहली बार आज कश्मीरी उदारवादी अलगाववादी समूह के शीर्ष नेताओं ने श्रीनगर में बैठक की।

इस बैठक में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक, वरिष्ठ नेता प्रो. अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन और मौलवी मसरूर अब्बास अंसारी शामिल हुए।

मीरवाइज ने एक्स पर पोस्ट किया कि पाँच साल से ज़्यादा समय के बाद मुझे अपने प्रिय साथियों प्रोफेसर एसबी, बिलाल एसबी और मसरूर एसबी के साथ मिलने का मौक़ा मिला। उन्होंने आगे लिखा कि जेल में अपने साथियों की याद आने सहित अलग-अलग भावनाओं का एक भावनात्मक अनुभव हुआ लेकिन इस उम्र में प्रिय प्रो. एसबी को अच्छे मूड और सतर्क दिमाग में देखकर खुशी हुई।

मीरवाइज ने अपने आवास पर हुई बैठक का एक वीडियो भी पोस्ट किया।

उदारवादी अलगाववादियों की यह पहली बैठक है। पिछले पांच वर्षों में मीरवाइज जो कश्मीर के प्रमुख धार्मिक नेता भी हैं ज्यादातर समय घर में नजरबंद रहे हैं और अपनी बार-बार नजरबंदी के खिलाफ उच्च न्यायालय भी गए हैं। यह बैठक जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद हुई। हालांकि उमर की सरकार की इस बैठक की अनुमति देने में कोई भूमिका नहीं होने की संभावना है क्योंकि कानून और व्यवस्था सीधे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अधीन आती है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बात की संभावना कम ही है कि भाजपा सरकार अलगाववादियों पर अपनी नीति बदल सकती है।

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(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

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