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पूर्व ग्राम प्रधान की जाति पर राज्य स्तरीय कमेटी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट

-राज्य सरकार से तीन हफ्ते में मांगा जवाब

प्रयागराज, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुशीनगर की ग्राम पंचायत अंध्या टप्पा के पूर्व प्रधान अमरनाथ खरवार को जारी अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट मानने से इंकार करने के राज्य स्तरीय जाति स्कूटनी कमेटी के 25 सितम्बर 24 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। शिकायतकर्ता पूनम देवी को नोटिस जारी की है तथा राज्य सरकार सहित विपक्षी से तीन हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने अमरनाथ खरवार की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि उसे वर्ष 2000 में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया। जिसका परीक्षण जिला स्तरीय जाति स्कूटनी कमेटी ने किया। विपक्षी ने याची की जाति को लेकर शिकायत की थी। जिला स्तरीय कमेटी याची के पक्ष में फैसले के खिलाफ विपक्षी पूनम देवी ने राज्य स्तरीय कमेटी को अपील की। जिस पर विजिलेंस सेल को जांच सौंपी गई। अपनी 22 अक्टूबर 22 की रिपोर्ट में विजिलेंस सेल ने याची का पक्ष सही माना।

इसके बावजूद राज्य स्तरीय कमेटी ने याची को अनुसूचित जाति का नहीं माना। जिसे चुनौती दी गई है। याची अधिवक्ता का कहना है कि कमेटी ने कुमारी माधुरी पाटिल केस के फैसले व शासनादेश की अनदेखी की है। कमेटी को आदेश देने का क्षेत्राधिकार ही नहीं है। क्योंकि नियमानुसार राज्य स्तरीय कमेटी में डायरेक्टर सोशल वेलफेयर कमेटी के सदस्य होने चाहिए। जबकि सरकार ने डायरेक्ट पिछड़ा वर्ग आयोग को सदस्य बनाया है, जो विधि विरूद्ध है। इसलिए कमेटी नियमानुसार गठित न होने के कारण उसे जाति पर फैसला लेने का क्षेत्राधिकार ही नहीं है। आदेश विधि सम्मत नहीं है। याचिका की अगली सुनवाई 29 नवम्बर को होंगी।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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