Uttar Pradesh

उपचुनाव में हार के डर से अखिलेश भाजपा पर बहराइच में  दंगा कराने का लगा रहे आरोप : सुरेश्वर सिंह

पत्रकारवार्ता करते भाजपा विधायक

बहराइच, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । महाराजगंज में हुई हिंसा के बाद राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव लगातार योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, अब स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि उप चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अखिलेश यादव बीजेपी पर दंगा करवाने का आरोप लगा रहे हैं।

महसी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह इस समय चर्चा में है। उन्होंने दंगा और उपद्रव करने के आरोप में अपनी पार्टी की युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी को लेकर सपा प्रमुख ने भाजपा पर हमला बोला था। अब सुरेश्वर सिंह का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अखिलेश यादव भाजपा पर दंगा करवाने का आरोप लगा रहे हैं। अखिलेश चाहे कुछ भी कर लें, लेकिन उनका चुनाव जीतना नामुमकिन है। उनको इस उपचुनाव में हार का डर है।

अगर अखिलेश कह रहे हैं कि दंगा बीजेपी ने कराया है तो एफआईआर में दर्ज सभी लोग भाजपा के नहीं हैं। मुकदमा लिखवा देने से ना कोई दोषी होता। ना कोई मुलजिम। उन्होंने कहा कि घटना स्थल पर तमाम सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उन कैमरों को देखने के बाद ही उचित कार्रवाई की जा रही है। विधायक ने ये भी कहा कि इस घटना से या इस मुकदमे से महाराजगंज की घटना का कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि शव को सड़क पर रखकर जिस तरह से राजनीतिक रूप दिया जा रहा था और दंगा भड़काने का प्रयास किया जा रहा था केवल उसको रोका गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

वहीं, अधिकारियों के मुताबिक विधायक सुरेश्वर सिंह की तहरीर पर पुलिस ने बहराइच नगर के भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव और अन्य लाेगाें में अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेन्द्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय और सुधांशु सिंह राणा के अलावा अज्ञात लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में 18 अक्टूबर को संबंधित धाराओं में एफआईआर की गई है।

विधायक ने कहा कि प्रेसवार्ता को बुलाने का मकसद ये है ​कि आपके जरिए लोगों को सही जानकारी मिल सकें। हमारी तरफ से जो एफआईआर दी गई है, उसके आधार पर मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा में मारे गये रामगोपाल के शव को मेडिकल कॉलेज के बाहर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी। इस जानकारी के बाद वे जिलाधिकारी, एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा था। परिवार और अन्य लोगों को समझा—बुझाकर शव को पोस्टमार्टम ले जाने लगे, तभी उपरोक्त लोगों ने मुर्दाबाद के नारेबारजी करनेे लगे। इसके बाद जब पुलिस अधिधकारियाें के साथ वे मूर्ति विसर्जन को जाते हैं तो इन लोगों ने गाड़ी को रोककर पत्थर चलाने लगे। इस दौरान फायरिंग भी की गई, जिसमें कार का शीशा टूटा गया। इसमें उनके बेटे बाल—बाल बच गये थे।

(Udaipur Kiran) / दीपक

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