– संभागायुक्त संजीव सिंह ने भोपाल शहर वायु गुणवत्ता सुधार के लिए समीक्षा बैठक ली
भोपाल, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । संभागायुक्त संजीव सिंह ने मंगलवार को शहर के वायु गुणवत्ता सुधार के लिए आयोजित बैठक में जिला प्रशासन, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भोपाल शहर में वायु प्रदूषण रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आरटीओ एवं ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए कि अनफिट वाहनों पर उचित कार्यवाही करे एवं पीयूसी यूनिट द्वारा निरंतर जांच कर सर्टिफिकेट जारी करें। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी को निर्देश दिए कि एयर क्वालिटी इंडेक्स की हर त्रैमासिक रिपोर्ट की समीक्षा की जाए। हॉट स्पॉट क्षेत्रों की तीसरे माह के प्रथम सप्ताह में मॉनीटरिंग की जाए। मॉडरेड श्रेणी के हॉट स्पॉट की मॉनीटरिंग के लिए विस्तृत रणनीति तैयार कर कारण एवं निवाकरण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। त्रैमासिक स्तर पर निरंतर तुलनात्मक गणना की जाए।
समीक्षा बैठक में कमिश्नर संजीव सिंह ने जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि नगर में व्यावसायिक गतिविधियों रेस्ट्रोरेंट, होटलों के तन्दूर ठेले इत्यादि पर अनाधिकृत ईधन उपयोग करने पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाए और एलपीजी के उपयोग के लिए लोगों को जागरुक किया जाएं। उन्होंने कहा कि जिले में कटाई के पश्चात खेतों में पराली जलाने पर कार्यवाही करें। पूर्व में हुए ऐसे प्रकरणों की समीक्षा कर कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा जांच की जाए। ऐसे किसानों को पराली जलाने के हानिकारक दुष्परिणाम के बारे में जागरूक किया जाए। ऐसे किसानों को आवश्यकतानुसार मशीनीकृत सहयोग जैसे कि सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, अनुदान के साथ प्रदान किए जाएं।
संभागायुक्त सिंह ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि नगर में हॉट स्पॉट एवं धूल उड़ने के स्थानों पर जल छिड़काव व नियमित सफाई की जाए। रात्रि के समय में कचरे से अलाव जलाकर हाथ सेकने की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने, व्यापक जागरूकता, निरीक्षण के भी निर्देश दिए। उन्होंने आरटीओ भोपाल को निर्देश दिए कि बेव बेस पीयूसी मॉनीटरिंग को ऑनलाइन कर व्यापक स्तर पर जांच करें। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए कि शहर में स्थापित वायु प्रदूषणकारी उद्योगों के विरूद्ध अभियान चलाया जाए। ऐसे सभी उद्योगों का वर्गीकरण किया जाए जिनके द्वारा प्रदूषण किया जाता है।
मेसर्स एआरआई पुणे द्वारा भोपाल शहर की वायु गुणवत्ता के संबंध में एक स्टडी में शहर की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले मुख्य वायु प्रदूषणकारी कारक एवं प्रतिशत की जानकारी दी, जिसके तहत सड़कों की धूल से पी.एम10 – 62.2 प्रतिशत, पी.एम2.5-38 प्रतिशत, यातायात परिवहन पी.एम 10-13 प्रतिशत, पी.एम.2.5-29 प्रतिशत एवं अन्य पी.एम 10-24.8 प्रतिशत, पी.एम 2-33 प्रतिशत हैं। सड़कों का निर्माण एवं रखरखाव, गढ़डों का भराव, प्रतिमाह पीयूसी चेक एवं अनफिट वाहनों को हटाना, ईधन की शुद्धता की जांच की जाए। भोपाल शहर की एक्यूआई सुधारने के लिए भोपाल नगर निगम द्वारा 100 दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां की जाएगी। धन तेरस और छोटी दिवाली एवं दीवाली के दिन विशेष रूप से धूल दमन के लिए पानी का छिड़काव, यांत्रिक सड़क स्वीपिंग मशीन के साथ, फोगर मशीन का अधिक उपयोग किया जाएगा। भोपाल के विभिन्न स्थानों पर 85 फाउंटेन शुरू किए जाएंगे। सभी कचरा संग्रहण वाहनों का पीयूसी चैकिंग की जाएगी।
बैठक में नगर निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायण, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग संजय मस्के, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जीतेन्द्र शर्मा, जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक मीना मालाकार एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) तोमर