नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने लद्दाख से दिल्ली पहुंचे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को दिल्ली के जंतर-मंतर या किसी दूसरे उपयुक्त स्थान पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका का निस्तारण कर दिया है। आज याचिकाकर्ता एपेक्स बॉडी लेह ने कहा कि वे अब याचिका पर जोर नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि प्रशासन से उनकी बात हो गई है।
आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है और ऐसे में अब याचिका का कोई मतलब नहीं है।
याचिका में दिल्ली पुलिस से जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी गई थी। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को उनकी प्रदर्शन करने की मांग को अस्वीकार कर दिया था। याचिका में कहा गया था कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) और 19(1)(बी) का उल्लंघन है। ऐसा करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का भी उल्लंघन है। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस की ओर से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने की कोई ठोस वजह नहीं बताई गई। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं। वे लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
हाल ही में हाई कोर्ट ने सोनम वांगचुक को रिहा करने की मांग करने वाली तीन याचिकाओं का निस्तारण किया था। दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट से कहा था कि सोनम वांगचुक को रिहा कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि 30 सितंबर से 5 अक्टूबर तक दिल्ली में लगाई गई निषेधाज्ञा वापस ले ली गई और सोनम वांगचुक समेत उनके सहयोगियों को छोड़ दिया गया है। अब सोनम वांगचुक और उनके सहयोगी अपनी मर्जी के मुताबिक कहीं भी जा सकते हैं।
दरअसल, सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों को 30 सितंबर को दिल्ली की सीमा पर हिरासत में ले लिया गया था। वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। वांगचुक ने 1 सितंबर से लेह से यात्रा शुरू की थी। ये यात्रा करीब एक हजार किलोमीटर की थी।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम