जींद, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कैबिनेट मंत्री अनिल विज द्वारा अंबाला, पानीपत व करनाल समेत अनेक बस स्टैंड के निरीक्षण करने के उपरांत सफीदों बस अड्डा प्रशासन भी हरकत में आ गया है। पिछले लंबे अर्सें से सफाई, पानी व लिकेज की समस्या से जुझते सफीदों बस स्टैंड पर इनके सुधारीकरण पर काम शुरू हो गया है। मंगलवार को सफीदों बस स्टैंड पर लिकेज की समस्या को दूर करने के लिए पलंबर काम करता दिखाई दिया। बस स्टैंड पर साफ-सफाई भी पहले की अपेक्षा अधिक दिखाई पड़ी। बस स्टैंड पर पानी की टाेटियां खराब पड़ी थी वे ठीक हो गई, पानी की लिकेज को दूर किया गया तथा टॉयलेट व वॉशबेसन सीटों को बदला गया।
अड्डा कर्मचारियों को कहीं न कहीं डर सता रहा था कि कहीं मंत्री अनिल विज अचानक बस स्टैंड का दौर ना कर ले और यहां की बदतर व्यवस्था को देखकर किसी पर उनकी गाज न गिर जाए। अधिकारियों ने बचाव की मुद्रा में छोटे-छोटे कार्य दुरूस्त करवाने जरूर शुरू कर दिए हैं। गौरतलब है कि सफीदों बस स्टैंड का उद्घाटन चार फरवरी 1990 को तात्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला द्वारा किया गया था। उसके बाद आज तक भी इसकी मरम्मत तक नहीं हुई है और यहां के हालात बद से बदतर हैं। बस स्टैंड की छतों से पानी टपक रहा है और वहां पर फंफूद लग गई है।
लगातार पानी के रिसाव के कारण बस स्टैंड की छत लगातार कमजोर होती जा रही है। पीने के पानी के स्थान पर चारों ओर काई जमी हुई है और बदबू का आलम है। बस स्टैंड के शौचालय में सफाई व्यवस्था को बेहद अभाव है। शौचालय के अंदर तो क्या उसके पास से भी निकलना दूभर है। शौचालय के अंदर से भंयकर बदबू आती है। शौचालय का गंदा पानी बाहर आकर पूरे बस स्टैंड पर फैल जाता है और यात्रियों के मजबूरन उस गंदे पानी में खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। पूरे बस स्टैंड पर सफाई व्यवस्था नाकाफी है। बस स्टैंड के सिवरेज ओवरफ्लो हुए पड़े हैं और सीवरेजों से ढक्कन गायब है।
मंगलवार को जानकारी देते हुए बस अड्डा इंचार्ज राममेहर ने बताया कि टोंटियां टूटी हुई पड़ी थी, उनको ठीक करवाया गया है और साफ-सफाई भी अच्छी प्रकार से करवाई गई है। बस स्टैंड काफी जर्जर हालात में है और इसको ठीक करवाने के लिए बजट नहीं आया है। ऐसे में इसी प्रकार से बस स्टैंड को मेंटेन रखा जा रहा है। शौचालय की लिकेज दूर करवा दी गई है और उनकी साफ-सफाई भी अच्छी प्रकार से करवाई गई है। यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा