HEADLINES

झारखंड हाई कोर्ट में हाजिर हुए राज्य के 12 विश्वविद्यालयों के वीसी और रजिस्ट्रार

झारखंड हाई कोर्ट फाइल फाेटाे

रांची, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट में राज्य के विश्वविद्यालयों में अल्पकालीन शिक्षकों एवं घंटी आधारित शिक्षकों को नियुक्त करने के खिलाफ दायर प्रसिला सोरेन एवं अन्य याचिका की सुनवाई मंगलवार काे हुई। सुनवाई के दौरान राज्य के 12 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर (वीसी) एवं रजिस्ट्रार कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए।

हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सभी वीसी से बारी-बारी से उनके यहां स्वीकृत पदों के आलोक में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के रिक्त पदों की जानकारी ली। साथ ही उनकी ओर से रिक्तियों को भरने के लिए जेपीएससी को भेजी गई अधियाचना के संबंध में भी जानकारी मांगी गई। कई वीसी की ओर से अपने विश्वविद्यालय में केवल असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की ही जानकारी दी गई। साथ ही बताया गया कि उनकी ओर से जेपीएससी को रिक्तियों को भरने के लिए अधियाचना भेजी गई है लेकिन छह वर्षों के बीत जाने के बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।

इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जेपीएससी के सचिव को कोर्ट में तलब किया। जेपीएससी सचिव की ओर से बताया गया कि अभी जेपीएससी में अध्यक्ष का पद रिक्त है एवं कई अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाएं ली जानी है। इसलिए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों के वीसी को अगली सुनवाई में उनके यहां असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के कुल रिक्त पदों की जानकारी एवं इन पदों पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी को भेजी के अधियाचना के बारे में अद्यतन जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले के अगली सुनवाई 28 अक्टूबर निर्धारित की। कोर्ट ने अगली सुनवाई में सभी वीसी की कोर्ट में से सशरीर उपस्थिति से छूट प्रदान की है। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं राकेश रंजन ने पैरवी की।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों द्वारा जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर (वीसी), रजिस्ट्रार एवं उच्च शिक्षा सचिव को कोर्ट में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था। साथ ही 30 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालय को जवाब दाखिल कर बताने को कहा था कि उनके विश्वविद्यालय में स्वीकृत पदों की आलोक में संबंधित विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर ,प्रोफेसर के कितने पदों पर नियुक्ति हुई और कितने पद खाली हैं।

इसे पहले जेपीएससी ने कोर्ट को शपथ पर दाखिल कर बताया गया था कि विज्ञापन संख्या 4/2018 एवं 5/2018 के तहत विश्वविद्यालय को 550 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए उनकी ओर से संबंधित विश्वविद्यालय को अनुशंसा की गई है। विश्वविद्यालतो की ओर से कोर्ट को पिछली सुनवाई में यह नहीं बताया जा सका था कि जेपीएससी के 550 पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा के आलोक में असिस्टेंट प्रोफेसर के कितने पदों पर नियुक्ति हुई है और कितने पद खाली हैं, जिस पर कोर्ट ने उन्हें जवाब दाखिल करने को कहा था।

—————

(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना

Most Popular

To Top