मंडी, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा है कि जिला में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत लंबित मामलों का प्रभावी ढंग से निपटारा किया जाएगा। उन्होंने यह जानकारी डीआरडीए हॉल में आयोजित एक बैठक में दी जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल थे।
उपायुक्त ने बताया कि एफसीए की मंजूरी में देरी के कारण विकास परियोजनाओं में बाधाएँ उत्पन्न होती हैं। उन्होंने कहा, एफसीए की मंजूरी के बाद ही विकास कार्यों के लिए विभागों को वन भूमि हस्तांतरित की जा सकेगी।
बैठक में बताया गया कि मंडी वन वृत में पर्यावरण मंजूरी के लिए पोर्टल परिवेश 1.0 में 182 और परिवेश 2.0 में 78 मामलों सहित कुल 260 मामले लंबित हैं। उपायुक्त ने इन लंबित मामलों की एक-एक कर समीक्षा की और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, पोर्टल से हट गए 159 मामलों के निपटारे के लिए पत्र जारी किए जाएंगे। संबंधित विभागों को इन मामलों को पुनः अपलोड करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करनी होगी।
अपूर्व देवगन ने वन विभाग को सभी उपयोगकर्ता एजेंसियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया, ताकि लंबित मामलों का त्वरित समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि मंडी वन वृत में कई मामले तकनीकी विवरणों के अपलोड न होने के कारण पोर्टल से हट गए हैं और अधिकारियों को इन मामलों के निपटारे के लिए जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला