कुलपति की अध्यक्षता में हुई एलुमनी एसोसिएशन की बैठक, रूपरेखा तैयार
हिसार, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि विश्वविद्यालय की एलुमनी एसोसिएशन द्वारा विद्यार्थियों के लिए सतत सहयोगात्मक कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की सक्रियता बढ़ाने के लिए नई योजनाओं जैसे सपोर्ट बैक सर्किल, प्लेसमेंट सपोर्ट, लेबोरेट्री सपोर्ट, अध्यापन-पीठ तथा फैलोशिप की स्थापना आदि के क्रियान्वयन के लिए सकारात्मक प्रयास किए जाएं। विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए भरपूर सहयोग देगा।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई मंगलवार को विश्वविद्यालय में एलुमनी (पूर्व छात्रों) एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में विश्वविद्यालय की छठी एलुमनी मीट के आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई। कुलपति ने विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के निरंतर उच्चस्तर पर होने में वर्तमान व भूतपूर्व विद्यार्थियों के साझा प्रयासों की सराहना की। कुलपति ने बताया कि एलुमनी एसोसिएशन विश्वविद्यालय की अहम इकाई होती है।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने एलुमनी एसोसिएशन द्वारा विश्वविद्यालय के साथ अकादमिक तथा संस्थानिक उन्नयन के लिए निरंतर सक्रियता का आह्वान किया।
एलुमनी के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर नये विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करता है तथा प्रोफेशनल नेटवर्क बनाने के अवसर प्रदान करता है। ‘नेशनल स्टार्टअप डे 2024’ पर स्टार्टअप चला रहे एलुमनी को सम्मानित किया गया जिसके फलस्वरूप कई एलुमनी ने अपनी व्यवसायी संगठन में कार्य करने के लिए नए विद्यार्थियों को आमंत्रित किया।
एलुमनी एसोसिएशन के वाईस-प्रेसिडेंट आईपीएस डॉ. एएस चावला ने बैठक में एलुमनी तथा अध्यनरत छात्रों के मध्य सकारात्मक सहयोग व प्रगतिशील तंत्र को स्थापित कर लक्ष्य निर्दिष्ट अध्ययन-अध्यापन की जरूरत को रेखांकित किया। आईपीएस चावला ने गुजविप्रौवि की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च आधारित मेरिट सूचि में निरंतर सुधार की सराहना करते हुए अपेक्षा प्रकट की कि हर क्षेत्र में चाहे खेल हो, प्रशासनिक सेवा हो, उद्योग हो, विज्ञान व तकनीक हो सभी में हमारे छात्रों का प्रतिनिधित्व हो।
वाईस-प्रेसिडेंट डॉ. राकेश गोलन (यूएसए) ने बैठक में ऑनलाइन सहभागी होकर सपोर्ट बैक सर्किल जैसे क्लब की स्थापना के विचार की सराहना की तथा कहा कि छात्र जीवन में विश्वविद्यालय से जो कुछ प्राप्त किया उसका कुछ अंश लौटाकर हम समाज और नई पीढ़ी के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। उन्होंने प्रतिवर्ष सिल्वर जुबली बैच की एलुमनी-मीट करने का सुझाव दिया तथा उनके साथ सुदृढ़ अकादमिक व व्यावसायिक संबंध बनाए रखना तथा अध्ययनरत छात्रों को परामर्शदाता की सुविधा मुहैया कराने की आवश्यकता को इंगित किया। ईसी सदस्य डॉ. एसडी अत्री, डॉ. आनंद गुप्ता, सुरेश पपनेजा, अमित धारीवाल, प्रो. संदीप राणा, प्रो. अनिल भानखड़, प्रो. सुनीता, डॉ. विजेंद्रपाल ने भी बैठक में सुझाव दिए।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर