झुंझुनू, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुस्लिम न्याय मंच के संयोजक इमरान बड़गुजर के नेतृत्व में झुंझुनू से जयपुर आए सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने पीसीसी वॉर रूम के सामने धरना दिया और टिकट नहीं, तो वोट नहीं के बुलंद नारों से पीसीसी वॉर रूम को गुंजायमान कर दिया। निश्चित रूप से युवाओं की आवाज वरिष्ठ नेतागणों तक जरुरी पहुंची है। जिसे वे अनदेखा नहीं कर सकते। मुस्लिम न्याय मंच के प्रतिनिधियों ने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, राजस्थान कांग्रेस सह-प्रभारी चिरंजीव राव सहित वरिष्ठ नेतागणों से मुलाकात कर अपनी मांग रखी और ज्ञापन दिया।
मुस्लिम न्याय मंच के संयोजक इमरान बड़गुजर ने बताया कि झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से आज तक किसी मुस्लिम व्यक्ति को विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया। जबकि मुस्लिम समाज आजादी से लेकर आज तक कांग्रेस के साथ खड़ा रहा है। अब समय आ गया है कि मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति को भी झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से नेतृत्व करने का मौका मिले। बड़गुर्जर ने कहा कि देश-प्रदेश का मुस्लिम हमेशा कांग्रेस का वफादार रहा है, अब कांग्रेस की बारी है की वो भी मुस्लिमों के प्रति अपनी वफादारी दिखाएं। बड़गुर्जर ने कांग्रेस पार्टी को कड़े शब्दों में चुनौती देते हुए कहा कि अगर झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र के 70 हजार मुस्लिम मतदाताओं की अनदेखी करके कांग्रेस पार्टी किसी और को टिकट देती है तो राजस्थान विधानसभा उप चुनाव की सभी सातों सीटों पर मुस्लिम समाज कांग्रेस पार्टी का विरोध करेगा और सभी प्रत्याशियों को बैरंग लौटाएगा।
उन्होंने कहा कि हम पार्टी के गुलाम नहीं है कि बस वोट देते रहे और अपने हक के लिए खड़े ना हो। मुस्लिम न्याय मंच किसी एक व्यक्ति विशेष की पैरवी नहीं कर रहा है, कांग्रेस पार्टी मुस्लिम समाज की 30 बिरादरी में से किसी भी मुस्लिम को टिकट दे दे, उन्हें मंजूर है, अन्यथा पार्टी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। इमरान बड़गुजर ने बताया कि दशकों से एक ही परिवार झुंझुनू का राजनीतिक प्रतिनिधि बना हुआ है। चाहे वो संसद हो या विधानसभा। अगर इस तरह से ही चलता रहा तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। समय और जनता की मांग है की झुंझुनूं में नेतृत्व भी बदले और मुस्लिम समाज को मौका मिले। इसीलिए मुस्लिम न्याय मंच मुखरता के साथ कांग्रेस पार्टी से झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में टिकट की मांग कर रहा है।
भाजपा में जहां बगावती तेवरों का जोर है। तो कांग्रेस भी इससे अछूती नहीं है। कांग्रेस की टिकट घोषणा होने से पहले ही इस्लामपुर सरपंच आमिन मनियार ने बगावती तेवर दिखाए है। उन्होंने ना केवल कांग्रेस छोड़ दी है। बल्कि उन्होंने नगीना सांसद व भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। जिसके बाद कांग्रेस के भी समीकरण बिगड़ते हुए दिखाई दे रहे है। बताया जा रहा है कि इस्लामपुर सरपंच आमिन मनियार ने मुस्लिम समाज की अनदेखी से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ी। वे सांसद बृजेंद्र ओला के करीबियों में शामिल है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और इस्लामपुर से तीसरी बार के सरपंच आमीन अली मणियार ने सोमवार को बड़े नाटकीय अंदाज में चौंकाने वाला फैसला करते हुए आजाद समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
उल्लेखनीय है कि पिछले 35 साल से कांग्रेस के अनुशासित सिपाही रहे इस्लामपुर सरपंच आमीन अली मणियार ने पार्टी में मुस्लिम समाज की हो रही अनदेखी से नाराज होकर आखिर कार पार्टी छोड़ दी और आजाद समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। जिन्हें आजाद समाज पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उम्मीदवार घोषित होने की जानकारी जिलाध्यक्ष विकास आल्हा ने दी। हालांकि घोषणा रविवार शाम को होनी थी। लेकिन यह घोषणा सोमवार शाम को हुई। आपको यहां यह भी जानकारी दे दें कि पिछले कुछ समय से झुंझुनू विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर मुस्लिम समाज अपनी दावेदारी जता रहा है। इसी संदर्भ में पिछले दिनों झुंझनू में मुस्लिम महापंचायत का आयोजन करके समाज ने एकमत होकर निर्णय भी लिया था कि कांग्रेस पार्टी अगर मुस्लिम समाज की 30 बिरादरियों में से किसी भी व्यक्ति को अगर टिकट देती है तो पूरा समाज उस व्यक्ति के पीछे एकजुट होकर खड़ा रहेगा। मगर कांग्रेस आलाकमान की अनदेखी के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खेमे में ही असंतोष व्याप्त हो गया और दशकों तक उनके करीबी रहे कांग्रेसी ने पार्टी को छोड़ दिया। यह राजनीतिक घमासान आखिरकार झुंझुनू की राजनीति में क्या रंग खिलाएगा, ये देखने वाला होगा। ज्ञात रहे झुंझुनू में दलितों के करीब 45 हजार और मुस्लिमों के 70 हजार वोट है, अगर ये दो समाज साथ आ जाते है तो मुकाबला रोमांचक होना तय है।
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(Udaipur Kiran) / रमेश