Uttrakhand

मानव व्यापार पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन

मानव व्यापार पर आयोजित कार्यशाला
मानव व्यापार पर आयोजित कार्यशाला

चम्पावत, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । रीड्स संस्था और रमोला भर चैरिटेबल ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा अवैध मानव व्यापार को रोकने हेतु जिले में जागरुकता अभियान के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। शिवा होटल रेजीडेंसी सभागार में कार्यशाला का शुभारंभ जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे ने किया।

जिलाधिकारी ने जिले में अवैध मानव व्यापार की विस्तृत जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि सभी विभाग मुख्य रूप से महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस, एसएसबी, शिक्षा और स्वयंसेवी संस्थाएं मिल जुल कर अपने सभी कार्यक्रमों में अवैध मानव व्यापार के विरुद्ध जागरूकता अभियान को गति दें। अपने सभी कार्यक्रमों का हिस्सा बनाएं, जिलाधिकारी द्वारा अवैध मानव व्यापार की दृष्टि से जिले को मुक्त रखने हेतु सभी प्रकार से अभियान चलाने हेतु संस्थाओं से आगे आने को कहा। उन्हाेंने मानव व्यापार के बदलते हुए तौर तरीकों पर भी ध्यान देने का सुझाव दिया।

मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह ने जिले में हो रही कार्यशाला की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अवैध मानव व्यापार में रोकथाम तभी संभव है जबकि हम सभी स्वयं जागरूक हों । वन स्टॉप सेन्टर और खास तौर से प्रत्येक विद्यालय तक बच्चे और अभिभावक भी जागरूक हों, साथ परिवहन विभाग का सहयोग भी बहुत सभी विभागों को इस दिशा में और कार्य करने की जरूरत है ।

रमोला भर ट्रस्ट की सीनियर प्रोग्राम मैनेजर स्मृति काना घोष पॉल ने बताया कि अवैध मानव व्यापार में अधिकांश में यह देखा गया है कि आपस के लोग या रिश्तेदार ही इस व्यापार में शामिल होते हैं। अपने परिचित लोगों को ही गिरोह से मिलकर महिलाओं और बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं । इसके लिए जरूरी है कि जिले स्तर पर सभी विभाग और सामाजिक संस्थाएं मिल जुल कर कार्य करें।

आरबीसी ट्रस्ट द्वारा संचालित स्टॉप परियोजना की विस्तृत जानकारी दी, और प्रशासन के सहयोग की अपील की, समाजसेवी नवीन मुरारी ने जिले की खुली सीमा का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक जन सहयोग नहीं होगा तब तक अवैध मानव व्यापार को रोकना मुश्किल है, इसके लिए ज़रूरी है कि हम सभी एक रहें,

आदर्श चम्पावत के समन्वयक इंद्रेश लोहनी ने कहा कि जिले की आदर्श चम्पावत बनाने के लिए जरूरी है कि जिला अवैध मानव व्यापार, बाल भिक्षावृत्ति आदि सभी कुरीतियों से मुक्त रहे, सरकारी विभागों के साथ साथ जन सहयोग होना बहुत जरूरी है, रीड्स की ललिता बोहरा ने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2007 से अभी तक लगभग 1200 महिलाओं और बच्चों का पुनर्वास किया गया है, लेकिन धनभाव के कारण उज्जवला परियोजना का संचालन कर पाना बहुत मुश्किल है।

ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष मनोज तड़ागी ने पूरे सीमा क्षेत्र में प्रत्येक पंचायत से सहयोग का आश्वासन दिया, एस एस बी के विशाल शर्मा ने बल द्वारा सीमा क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी और कहा कि यदि हमको कोई भी ऐसी सूचना प्राप्त होगी तो तुरंत कार्यवाही की जाएगी।

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी सुरेंद्र खड़ायत ने यूनिट द्वारा अवैध मानव व्यापार को रोकने हेतु किया जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि इस विषय पर पुलिस पूर्ण रूप से गंभीर है और किसी भी सूचना पर तत्परता से कार्यवाही कर रही है।

आरबीसी ट्रस्ट की परियोजना निदेशक शिरीन मैरियन तिग्गा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और जल्दी ही इस दिशा में आगे कार्य करने का आग्रह किया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पीएलवी गोपाल चन्द्र पाण्डेय, ईश्वरी दत्त जोशी, राजेन्द्र जोशी, सुनीता जोशी, मोहिनी, प्रकाश चन्द्र जोशी, दीपक सिंह , रंजना पाण्डेय, हेमा बिष्ट, पुष्पा चौधरी, संतोषी, संतोष कर्नाटक, मोहन बिष्ट, भास्कर केसी, भुवनेश्वरी फोनिया, मीनू पंत, दीपिका भट्ट, अर्चना लोहनी, किरन गहतोड़ी, अनीता तिवारी, प्रकाश जोशी शूल, कुसुम ,गोपाल सिंह, दीपक पाल, ईश्वरी दत्त आदि शामिल रहें।

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(Udaipur Kiran) / राजीव मुरारी

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