– निर्माणाधीन हवालात में प्रयुक्त होने वाली ईंट, बालू आदि सामाग्री का लैब से जांच कराने का दिया निर्देश
मीरजापुर, 21 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । चुनार तहसील अन्तर्गत निर्माणाधीन वाह्य न्यायालय भवन, परिसर एवं आवासीय भवन का निरीक्षण जनपद न्यायधीश अनमोल पाल, अपर जनपद न्यायधीश प्रथम बलजोर सिंह व जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने सोमवार को किया। आवास निर्माण में कमियां एवं निर्माण कार्य में प्रयुक्त की गई सामग्री गुणवत्तापूर्ण न पाए जाने पर कार्यदायी संस्था के अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्माणाधीन हवालात में प्रयोग की गई ईंटों और सीमेंट, बालू के मसाले के प्रयोगशाला जांच के लिए रुड़की भेजने के निर्देश दिया।
चुनार नई कोतवाली के पास वाह्य न्यायालय परिसर में 11.09 करोड़ की लागत से दो न्यायालय भवन तथा 3.37 करोड़ की लागत से टाइप-2 एवं टाइप-3 तथा 1.76 करोड़ की लागत से टाइप-5 आवासों का निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था सी एंड डीएस उ.प्र. जल निगम नगरीय सोनभद्र द्वारा कराया जा रहा है। कार्यदायी संस्था ने आवासों के निर्माण कार्य को पूर्ण बताते हुए 28 मार्च 2024 को हस्तांतरण प्रपत्र प्रेषित किया था। आवास में दीवारों पर सीलन देख जनपद न्यायाधीश ने नाराजगी व्यक्त की। टाइप-2 व टाइप-3 आवासों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने सीएंडडीएस के अधिशासी अभियंता रमेश मौर्या तथा सहायक अभियंता आकाश वर्मा को निर्देशित किया कि सभी भवनों की छतों पर पानी डाल कर देख लें, पानी रुकना नहीं चाहिए, यदि छत पर पानी रुक रहा है तो समस्या का निराकरण करा लें। गैरेज की ऊंचाई कम होने पर उन्होंने इसे दुरुस्त कराने को कहा। हवालात निर्माण के दौरान प्रयुक्त की जा रही निर्माण सामग्री को देख कर नाराजगी जाहिर करते हुए इसकी जांच आईआईटी रुड़की की लैब भेज कर कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने एसडीएम चुनार राजेश कुमार वर्मा को निर्देश दिए कि न्यायालय परिसर के बाहर पार्किग की व्यवस्था कराने के भूमि का चयन करें। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को जांच कर आख्या देने के निर्देश दिए। जनपद न्यायाधीश ने लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन को निर्देशित किया कि जांच करें कि इस्टीमेट और ड्राइंग के अनुसार न्यायालय भवनों का निर्माण किया गया है, उन्होंने आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा