जम्मू, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि कश्मीर मैराथन एक वार्षिक कार्यक्रम बन जाएगा और दुनिया भर में प्रतिष्ठित मैराथन के बराबर मान्यता अर्जित करेगा। मुख्यमंत्री ने ये बात अपनी 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन पूरी करने के बाद की, जिसे उन्होंने सुबह श्रीनगर के पोलो व्यू से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
उमर अब्दुल्ला ने कहा मुझे उम्मीद है कि कश्मीर मैराथन हर साल आयोजित की जाएगी और दुनिया भर में प्रसिद्ध मैराथन की तरह इसे मान्यता मिलेगी।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने दौड़ पूरी करने वाले सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि उन्होंने खुद हाफ मैराथन पूरी करने की उम्मीद नहीं की थी।
उन्होंने कहा “मैं उन सभी धावकों को बधाई देता हूं जिन्होंने अपनी दौड़ पूरी की। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं अपनी हाफ मैराथन पूरी कर पाऊंगा। मैंने अपने जीवन में कभी भी 12 या 13 किलोमीटर से अधिक दौड़ नहीं लगाई थी लेकिन अन्य प्रतिभागियों के साथ दौड़ने से मुझे इसे पूरा करने के लिए प्रोत्साहन मिला।’’ मुख्यमंत्री ने आयोजकों, हितधारकों और श्रीनगर के लोगों को उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा “मैं आयोजन के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिए प्रशासन को धन्यवाद देता हूं। मैं श्रीनगर के लोगों का भी आभारी हूं जिनकी उपस्थिति और प्रोत्साहन ने धावकों को प्रेरित किया।’
इससे पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर मैराथन को हरी झंडी दिखाई जो घाटी में होने वाली अपनी तरह की पहली अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक प्रतियोगिता है। उनके साथ बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी भी थे जिन्होंने भारत और विदेश के लगभग 2,000 एथलीटों के साथ ध्वजारोहण समारोह में भाग लिया। युवा सेवा एवं खेल मंत्री, सतीश शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी, मुख्य सचिव अटल डुल्लू, आयुक्त सचिव पर्यटन यशा मुद्गल, सचिव युवा सेवा एवं खेल सरमद हफ़ीज़ और निदेशक पर्यटन कश्मीर राजा याकूब भी समारोह में उपस्थित थे।
मैराथन में भारत के शीर्ष लंबी दूरी के धावक शामिल थे जिनमें एशियाई स्वर्ण पदक विजेता साथ ही यूरोप और अफ्रीका के विशिष्ट एथलीट शामिल थे।
इस आयोजन में दो दौड़ श्रेणियां यानी एक 42 किलोमीटर की फुल मैराथन और एक 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन शामिल थीं। यह कार्यक्रम पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था और मैराथन का उद्देश्य घाटी में बेहतर स्थिति को प्रदर्शित करना और कश्मीर को अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना था।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा