धमतरी, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी संघ के तत्वावधान में 19 अक्टूबर को धमतरी शहर के बिलाई माता विंध्यवासिनी वार्ड स्थित एक भवन में राज्य स्तरीय प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में प्रदेशभर के करारोपण अधिकारी शामिल हुए।
राज्य स्तरीय प्रांतीय सम्मेलन में शामिल प्रदेश पदाधिकारियों व सदस्यों का जिले के पदाधिकारी व सदस्यों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। तत्पश्चात सम्मेलन की शुरूआत हुई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए सम्मेलन में पूर्व प्रांताध्यक्ष प्रकाश शुक्ला ने कहा कि प्रदेश भर के वरिष्ठ आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी कई दशकों से पदोन्नति के लिए शासन का बाट जोह रहे हैं। इस पद पर कार्यरत रहते हुए पदोन्नति के आभाव में कई सेवानिवृत्ति के कगार पर पहुंच गए है। सरकार इस अधिकारियों को पदोन्नति से वंचित रखे हुए है। इसे लेकर उनमें गहरा रोष है।
धमतरी के पदाधिकारी रोहित बोर्झा ने कहा कि प्रदेशभर में 533 करारोपण अधिकारी संगठन में थे, जिनमें से अधिकांश का पदोन्नति की राह देखते हुए कई अधिकारी रिटायर्ड हो गए, लेकिन राज्य सरकार अब तक पदोन्नति नहीं दी गई। शासन इन अधिकारियों के हितों के विरूद्ध कुठाराघात कर अनदेखी व अन्याय कर रही है, जिसके कारण प्रदेश भर के वरिष्ठ आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारियों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। जनपद पंचायतों के करारोपण अधिकारियों को वर्षों से पदोन्नति का इंतजार है। धमतरी में हुए प्रांतीय सम्मेलन में पदोन्नति के लिए अब संघर्ष को तेज करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा काम के दौरान आने वाली विभिन्न समस्याओं को लेकर भी सम्मेलन में घंटों चर्चा हुई। सम्मेलन में पुरूषोत्तम दीवान, सम्पत, सुशील कुमार भास्कर, लालचंद दिली, राकेश ध्रुव, झालेन्द्र कंवर, गुलाब चन्द्राकर, वेदराम सिन्हा, महेन्द्र प्रसाद गंगरेल, विमल कुमार जैन, गिरेन्द्र कुमार साहू, दिलवर साय मरकाम, वेदप्रकाश सिन्हा समेत बड़ी संख्या में करारोरापण अधिकारी मौजूद रहे।
करारोपण अधिकारियों की मांग शामिल
बिलासपुर से आए आरके टोंडे, रायपुर के गजेश यदु, जेएस पैकरा ने कहा कि जनपद पंचायत स्तर पर वरिष्ठ आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी को पदनाम परिवर्तित कर (वरिष्ठ पंचायत विकास अधिकारी) राजपत्रित अधिकारी का दर्जा प्रदान करने तथा अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी पंचायत राज घोषित कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अनुपस्थिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का संपूर्ण प्रभार देने की मांग की। जिला स्तर पर जिला अंकेक्षक को उप संचालक पंचायत (राजपत्रित) अधिकारी घोषित किया जाए।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा