-कैबिनेट रैंक और पद की अवधि मुख्यमंत्री के साथ जोड़ने से फंसा पेंच
चंडीगढ़, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे राजेश खुल्लर के नियुक्ति आदेशों पर चार ही घंटे में रोक लग गई। शुक्रवार की रात आठ बजे मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त करने के आदेश जारी किए थे। नाटकनीय घटनाक्रम में प्रसाद ने ही रात 12 बजे राजेश खुल्लर के नियुक्ति आदेशों को होल्ड कर दिया।
इस बार राजेश खुल्लर की नियुक्ति कैबिनेट मंत्री के रैंक के साथ हुई थी। सूत्रों का कहना है कि नियुक्ति आदेशों में कैबिनेट रैंक और पोस्ट का पीरियड (अवधि) मुख्यमंत्री के साथ ही जोड़ने की वजह से पेंच फंसा है। हालांकि प्रशासनिक गलियारों में इस तरह की भी चर्चा है कि दो-तीन कैबिनेट मंत्रियों की ओर से राजेश खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई गई। जिस समय ये नियुक्ति आदेश जारी हुए, उस समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी नई दिल्ली में थे।
राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय बिजली व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की ‘गुड बुक’ में शामिल राजेश खुल्लर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पहले कार्यकाल में भी मुख्य प्रधान सचिव थे। इससे पहले वे मनोहर लाल खट्टर के प्रधान सचिव और मुख्य प्रधान सचिव रहे हैं। हरियाणा में यह पहला मौका था जब किसी ब्यूरोक्रेट्स को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में ऐसा हो चुका है।
उधर, राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा भी है कि देर-सवेर खुल्लर के आदेश नये सिरे से जारी होंगे। इन आदेशों में कैबिनेट रैंक नहीं देने का बदलाव भले ही हो जाए। खुल्लर के अलावा सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव, उपप्रधान सचिव, ओएसडी और एडवाइजर सहित कई नियुक्तियां होनी हैं। वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों को भी अगर सीएमओ में रखा जाता है तो इसके लिए नये सिरे से आदेश जारी करने होंगे।
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(Udaipur Kiran) शर्मा