–ट्रिपल आईटी में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
प्रयागराज, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । कम्प्यूटर विज़न और मशीन इंटेलिजेंस दो तेजी से आगे बढ़ने वाले क्षेत्र हैं, जो विभिन्न उद्योगों और दैनिक जीवन के पहलुओं में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं। उक्त विचार मुख्य अतिथि प्रो. बी बी चौधरी ने शनिवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित दो दिवसीय तीसरे आईईईई इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन म्ंप्यूटर विज़न एंड मशीन इंटेलिजेंस (आईईईई सीवीएमआई), 2024 का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किया।
सम्मेलन के संरक्षक प्रो.चौधरी ने कहा कि कम्प्यूटर विज़न से तात्पर्य कम्प्यूटर के दृश्य जानकारी की व्याख्या करने की क्षमता से है। जबकि मशीन इंटेलिजेंस में एल्गोरिदम और मॉडल का विकास शामिल है, जो मशीनों को डेटा के आधार पर सीखने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। दोनों क्षेत्रों ने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण रुचि और निवेश प्राप्त किया है। विशेषज्ञों और उत्साही लोगों ने उनके सम्भावित प्रभाव पर कई तरह के विचार साझा किए हैं।
आईआईआईटी ग्वालियर के निदेशक प्रो एस एन सिंह ने बताया कि कम्प्यूटर विज़न एल्गोरिदम का उपयोग छवियों या वीडियो में वस्तुओं की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। जिससे चेहरे की पहचान, स्वायत्त ड्राइविंग और विनिर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण जैसे अनुप्रयोगों को सक्षम किया जा सकता है। इसी तरह मशीन इंटेलिजेंस का उपयोग बड़े डेटासेट का विश्लेषण करने और पूर्वानुमान या सिफारिशें करने के लिए किया जा सकता है जिससे व्यवसायों को सूचित निर्णय लेने और अपने संचालन को अनुकूलित करने में मदद मिलती है।
आईआईआईटी भोपाल के निदेशक प्रो. आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कम्प्यूटर विज़न और मशीन इंटेलिजेंस में समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, मेडिकल इमेजिंग और डायग्नोस्टिक्स में प्रगति से रोगी के परिणामों में सुधार और स्वास्थ्य सेवा की लागत कम करने की क्षमता है।
प्रो. केसी संतोष ने कहा कि कम्प्यूटर विज़न और मशीन इंटेलिजेंस क्षेत्र अभी भी विकास के अपने शुरुआती चरण में हैं और उनके निहितार्थों को पूरी तरह से समझने के लिए आगे के शोध और चर्चा की आवश्यकता होगी। अंततः, मुख्य चुनौती यह सुनिश्चित करना होगी कि इन तकनीकों को इस तरह से विकसित और तैनात किया जाए जो नैतिक विचारों का सम्मान करे और पूरे समाज को लाभान्वित करे।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र