कोलकाता, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नीलरतन सरकार अस्पताल से जूनियर डॉक्टर पुलस्त्य आचार्य को शनिवार दोपहर छुट्टी मिली। अस्पताल से बाहर आते ही उन्होंने घोषणा की कि वे जल्द ही फिर से आंदोलन में शामिल होंगे। हालांकि इस समय वे अनशन पर नहीं बैठेंगे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि आवश्यकता पड़ने पर भविष्य में वे फिर से अनशन पर बैठ सकते हैं।
अनशन के दौरान अस्पताल में भर्ती हुए अन्य जूनियर डॉक्टरों में से एक, अनुस्तुप मुखर्जी की भी स्थिति में सुधार है और उन्हें भी जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है। वहीं, तनया पांजा की हालत में कुछ जटिलताओं के कारण उन्हें कुछ और दिनों तक अस्पताल में डॉक्टरों की देखरेख में रखा जाएगा।
जूनियर डॉक्टरों का यह आंदोलन आर.जी. कर अस्पताल की एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुर्व्यवहार, अस्पताल की सुरक्षा और ढांचागत सुविधाओं से जुड़ी 10 मांगों को लेकर किया जा रहा है। कोलकाता के धर्मतला और उत्तर बंगाल के सिलिगुड़ी में यह अनशन जारी है, जिसमें कई डॉक्टरों की तबीयत बिगड़ चुकी है। कुछ को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, जबकि कुछ अभी भी भर्ती हैं।
अस्पताल में भर्ती जूनियर डॉक्टरों में अनुस्तुप मुखर्जी और तनया पांजा शामिल हैं। अनुस्तुप की हालत में काफी सुधार हुआ है और शनिवार शाम को उन्हें छुट्टी देने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, तनया पांजा को अभी कुछ दिन और अस्पताल में रहना होगा। आईसीयू में भर्ती तनया की स्थिति में सुधार के बाद उन्हें अब एचडीयू में शिफ्ट किया गया है। उन्हें पेट दर्द, मतली, कमजोरी और कब्ज जैसी समस्याएं हैं, साथ ही शरीर में फॉस्फेट की कमी और यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा पाई गई है।
उत्तर बंगाल में अनशनरत डॉक्टरों में से दो जूनियर डॉक्टर, आलोक वर्मा और सौविक बनर्जी, अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं। आलोक को कुछ दिन पहले और सौविक को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी मिली।
अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, दोनों डॉक्टरों की तबीयत में सुधार होने पर उन्हें आईसीयू से सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर