कानपुर, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गरीब छात्र-छात्राओं को टूल रूम में तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह बात शुक्रवार को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र कानपुर का जमीनी हकीकत जानने पहुंचे कानपुर नगर के सांसद रमेश अवस्थी ने कही।
उन्होंने कहा कि कानपुर में इतना बड़ा इंस्टीट्यूशन होने के बाद भी नौजवानों को अपनी प्रतिभा को दिखाने एवं टूल रूम के माध्यम से सीखने का मौका क्यों नहीं मिल पा रहा है। जिस उद्देश्य के साथ इसकी स्थापना की गई थी, वह शीघ्र ही पूर्ण होगी। तकनीकी क्षेत्र में यह इंस्टीट्यूशन मिल का पत्थर बन सकता है। आसपास के जनपदों के छात्र-छात्राओं के लिए संचालित कोर्स उनके उपयोग तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से इन बच्चों को तकनीकी प्रशिक्षण देकर रोजगार के साधन सृजित किए जाएंगे।
उन्हाेंने कहा कि मेरा प्रयास होगा की गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अंत्योदय कार्ड धारकों के परिवारों के बच्चों को यहां पर नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाए, इसके लिए भी मैं एमएसएमई मंत्रालय एवं छात्रवृत्ति के माध्यम से बच्चों को तकनीकी शिक्षा मुफ्त में प्राप्त हो इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं समाज कल्याण मंत्रालय से भी वार्ता कर बच्चों के लिए सुविधा उपलब्ध कराऊंगा।
भाजपा के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी अनूप अवस्थी ने बताया कि कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी शुक्रवार को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित एमएसएमई प्रौद्योगिकी केंद्र कानपुर का औचक निरीक्षण किया। सांसद ने टूल रूम का बिंदवार निरीक्षण किया। जिसमें कई मशीनों के रखरखाव ठीक से न होने पर वहां के सहायक प्रबंधक अंकित श्रीवास्तव को निर्देशित किया कि रख रखाव पर ठीक से ध्यान दें।
श्री अवस्थी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कानपुर में इतना बड़ा इंस्टीट्यूशन होने के बाद भी नौजवानों को अपनी प्रतिभा को दिखाने एवं टूल रूम के माध्यम से सीखने का मौका क्यों नहीं मिल पा रहा है। श्री अवस्थी ने टूल रूम को संचालित कर रहे अधिकारियों से कहा कि आपको इन सभी टूल मशीनों को क्रियान्वित करने में क्या-क्या दिक्कतें आ रही हैं, हमको लिखकर दो दिन के अंदर अवगत कराएं।
निरीक्षण के दौरान रायपुरवा मंडल अध्यक्ष गौरव पांडे, पार्षद प्रतिनिधि अंकित मिश्रा, शक्ति केंद्र संयोजक सूरज साहू, बूथ अध्यक्ष उत्तम कुमार भी मौजूद रहे ।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल