जम्मू, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी भीम के वरिष्ठ नेताओं ने अपने अध्यक्ष विलक्षण सिंह के नेतृत्व में जम्मू के छात्र शहीदों को श्रद्धांजलि दी, जो एक आंदोलन में पुलिस की गोलियों से शहीद हुए थे। 1966 में छात्रों ने एक आंदोलन शुरू किया था। 16 अक्टूबर को जीजीएम कॉलेज परिसर में तीन छात्र बृज मोहन, सुभाष चंद्र और गुलशन हांडा मारे गए थे जबकि एक छात्र नेता गुरचरण सिंह की हत्या 18 अक्टूबर, 1966 को जम्मू के कनक मंडी में उस समय हुई थी जब छात्रों का एक जुलूस जम्मू की सड़कों से गुजर रहा था।
विलक्षण सिंह ने छात्र शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए याद किया कि छात्र आंदोलन के मुख्य आयोजक प्रोफेसर भीम सिंह पुलिस की गोलियों से बच गए थे। 18 अक्टूबर 1966 को हजारों छात्र प्रो. भीम सिंह के नेतृत्व में छात्र कांग्रेस के नेतृत्व में सभी हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग को लेकर जम्मू की सड़कों पर मार्च कर रहे थे जिस पर गोलियों की बौछार की गई जिसके परिणामस्वरूप गुरचरण सिंह शहीद हो गए। सैकड़ों छात्र और युवा घायल हो गए। उनमें से कुछ ने अपने हाथ और पैर खो दिए।
सिंह ने उनके बलिदान को याद किया और कहा कि इसके कारण जम्मू प्रदेश में एक विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि कई अन्य संस्थान और कई व्यावसायिक कॉलेज खुले हैं। वर्तमान सरकार में भी जम्मू को जो कुछ भी मिला है वह केवल आंदोलन के माध्यम से मिला है। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को छात्र शहीदों के सर्वोच्च बलिदानों को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने तत्कालीन सत्तारूढ़ दलों द्वारा जम्मू प्रांत के साथ किए गए अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के सभी छात्र संगठनों से संगठित होने की अपील की, ताकि हम डोगराओं के खिलाफ भेदभाव करने वाली ताकतों के खिलाफ प्रभावी ढंग से लड़ सकें।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा