प्रयागराज, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । समाजवादी छात्र सभा के पदाधिकारी एवं स्वयंभू छात्रनेता अजय सिंह सम्राट जिसने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पिछले आठ वर्षों से अराजकता का माहौल बनाया हुआ था। विश्वविद्यालय के विरुद्ध उच्च न्यायालय से हारने के बाद उसकी अपील सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दी गई है।
यह जानकारी इविवि की जनसम्पर्क अधिकार प्रो. जया कपूर ने देते हुए शुक्रवार को बताया कि अजय सिंह द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विरुद्ध याचिका दाखिल कर डबल एमए करने की मांग की थी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने उसकी एप्लिकेशन को यह बताते हुए खारिज कर दिया था कि डबल एमए करने के लिए पूर्व की उपाधियों में उच्च कोटि का प्रदर्शन और प्रार्थी को अपनी विश्वसनीय रुचि दिखानी होती है तथा अजय सिंह पर पिछले कई वर्षों से विश्वविद्यालय विरोधी गतिविधियों एवं आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के कारण कई मुकदमे भी लम्बित हैं। उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय के फैसले को सही मानते हुए अजय सिंह कि अपील खारिज की थी, जिसके विरुद्ध वह पुनः सर्वोच्च न्यायालय की शरण में गया था। 16 अक्टूबर, 2024 को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका को सिरे से खारिज कर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पक्ष में फैसला सुनाया।
जनसम्पर्क अधिकारी ने कहा कि ऐसे छात्र जो संस्था को शिक्षा प्राप्ति के स्थान पर निजी स्वार्थ सिद्धि के लिए इस्तेमाल करते हैं, संस्था के लिए आर्थिक बोझ बन जाते हैं। अपने पक्ष के सही होने के बावजूद विश्वविद्यालय को न्यायिक प्रक्रिया के अतंर्गत अधिवक्ताओं को भारी शुल्क देना पड़ता है और कानूनी प्रकोष्ठ की ऊर्जा भी बर्बाद होती है।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र