RAJASTHAN

आरपीएससी कर्मचारी बैठे धरने पर, सचिव पर निरंकुश व्यवहार का आरोप

आरपीएससी कर्मचारी बैठे धरने पर, सचिव पर निरंकुश व्यवहार का आरोप

अजमेर, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान सरकार जहां एक ओर इस साल के अंत तक एक लाख नौकरियों का अपना वादा पूरा करने के प्रति संकल्पित नजर आ रही है वहीं नियुक्तियों के लिए संवैधानिक संस्था राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्मिक काम के बोझ में प्रशासनिक दबाव के चलते शुक्रवार से सचिव के खिलाफ धरने पर बैठ गए। कार्मिकों ने ऐलान भी कर दिया कि प्रशासनिक कार्य संस्कृति एवं व्यवहार में निरंकुशता समाप्त नहीं की गई तो सोमवार से अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा।

गौरतलब है कि राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं में भर्ती परीक्षा के आवेदन की शुक्रवार को आखिरी तिथि है। प्रशासनिक सेवाओं में जाने के इच्छुक बेरोजगार विद्यार्थी रात 12 बजे तक आवेदन कर सकेंगे। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2024 के लिए आवेदन की प्रक्रिया 19 सितंबर से 24 से शुरू की थी। इस परीक्षा में राज्य सेवा के 346, अधीनस्थ सेवा के 387 पदों पर भर्ती होनी है। आयोग ने पूर्व में जारी कार्यक्रम के अनुसार आगामी 2 फरवरी 2025 को आरएएस प्री-एग्जाम आयोजित किया जाना है।

इस बीच राजस्थान लोक सेवा आयोग कर्मचारियों ने शुक्रवार को सचिव रामनिवास मेहता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कर्मचारियों ने आयोग सचिव पर निरंकुश व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। कर्मचारी संघ अध्यक्ष तथा अन्य कर्मचारी शुक्रवार सुबह अपनी मांगों को लेकर आयोग सचिव रामनिवास मेहता को ज्ञापन देने पहुंचे। कर्मचारियों का कहना है कि आयोग सचिव ने उनकी बात सुने बिना ही उन्हें बाहर जाने के लिए कह दिया। यही नहीं, आयोग सचिव कर्मचारियों के साथ खुद के ही खिलाफ नारेबाजी करते हुए बाहर आ गए और जयपुर के लिए रवाना हो गए। सचिव के जाने के बाद सभी कर्मचारी आयोग परिसर में सचिव के खिलाफ धरने पर बैठ गए।

कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें छुट्टी के दिन काम पर बुलाया जाता है लेकिन उसके बदले अवकाश नहीं दिया जाता है। साप्ताहिक अवकाश के अलावा अन्य सभी तरह के अवकाश पर अनावश्यक रूप से रोक लगा दी गई है। कोई कर्मचारी आकस्मिक अवकाश के लिए अर्जी देता है तो उससे कहा जाता है कि वह अवकाश पर जाने से कम से कम 2 दिन पहले उन्हें सूचित करें। जबकि कई बार आकस्मिक परिस्थितियों में दो दिन पहले सूचित करना संभव नहीं हो पता है। सेवा नियमों में संशोधन के कोई सकारात्मक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। आयोग में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। इस संबंध में पूर्व में कई बार रिक्त पदों को भरने के लिए कर्मचारी संघ की ओर से ज्ञापन दिया जा चुका है। लेकिन ज्ञापन पर अब तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें प्रोत्साहित करने की बजाय हतोत्साहित किया जाता है। कर्मचारियों अधिकारियों को वीआरएस की तथा 16 व 17 सीसी की चार्जशीट देने की कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है। जो अनुचित है। कर्मचारियों का कहना है कि वह इस संबंध में आरपीएससी अध्यक्ष कैलाश चंद मीना से मुलाकात करेंगे और अपनी समस्याओं से अवगत कराएंगे। इसके बावजूद भी यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह सोमवार से कार्य बहिष्कार की घोषणा कर सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / संतोष

Most Popular

To Top