West Bengal

आरजी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अनिकेत को अस्पताल से मिली छुट्टी

आर.जी. कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो

कोलकाता, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्हें छह दिन पहले भूख हड़ताल के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें सात दिन का पूर्ण आराम करने की सलाह दी है और इस अवधि के बाद उनके स्वास्थ्य की फिर से समीक्षा की जाएगी। डॉक्टरों ने उन्हें दोबारा भूख हड़ताल पर न बैठने की सलाह दी है, क्योंकि इससे उनकी सेहत को खतरा हो सकता है।

आर.जी. कर अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, उनकी स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन उन्हें कम से कम सात दिन तक घर पर पूर्ण आराम की जरूरत है। अगर वे फिर से भूख हड़ताल शुरू करते हैं, तो यह खतरनाक हो सकता है।

अनिकेत, जो जूनियर डॉक्टरों के चल रहे आंदोलन के प्रमुख नेता हैं, ने मिल रहे निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम अपनी उस सहयोगी बहन के लिए न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे, जिसने इतनी निर्दयता से अपनी जान गंवाई। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे।

गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों द्वारा शुरू की गई अनशन का 13वां दिन था। अब तक, छह डॉक्टरों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। वर्तमान में, आठ डॉक्टर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर कोलकाता के केंद्रीय प्रदर्शन स्थल पर बैठे हुए हैं।

प्रदर्शनकारी डॉक्टर राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम को तत्काल पद से हटाने, सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, बिस्तर की उपलब्धता की निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन, और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल कमरे और शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए टास्क फोर्स के गठन की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती, और डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के खाली पदों को जल्दी भरने की मांग कर रहे हैं।

जूनियर डॉक्टरों ने नौ अगस्त को अपनी एक साथी डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में कार्य बंद कर भूख हड़ताल शुरू की थी। 42 दिनों के बाद 21 सितंबर को राज्य सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलने पर उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त की थी।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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