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उमरिया: भाई-भाई के झगड़े में 1 करोड़ का जुर्माना और बेदखली आदेश

भाई भाई के झगड़े में 1 करोड़ का जुर्माना

उमरिया, 17 अक्‍टूबर (Udaipur Kiran) । जिले के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा जुर्माना 15 दिन में जमा करने और बेदखली का आदेश चारो तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला कुछ ऐसा हुआ कि भाई – भाई का आपस में जमीन को लेकर विवाद हुआ और विवाद इतना बढ़ा की मामला डीजे कोर्ट तक पहुंच गया। बड़े भाई रमेश चन्द्र सचदेव ने पिताजी के द्वारा खरीदी गई ग्राम लोढ़ा में डेढ़ एकड़ जमीन में अपना हिस्सा मांगा जिसमे 7 भाई और माँ के नाम होने पर एक भाई ने यह कह कर हिस्सा देने को मना कर दिया की उमरिया में पूरी जमीन आपके नाम है, इस पर रमेश चन्द्र को लालच सवार हो गया कि इसमें भी हमको हिस्सा चाहिए और उमरिया की जमीन में सभी को मैं दिया हूँ। इसी बात को लेकर रमेश चंद्र ने डीजे कोर्ट में अपील कर दी और जिस नजूल भूमि में रह रहे थे उसका भू-भाटक किसी ने जमा नही किया। डीजे कोर्ट ने सारा मामला सुनने के बाद कलेक्टर न्यायालय को निर्देशित कर दिया कि वो इस मामले पर विधि संगत कार्रवाई करें।

डीजे कोर्ट के आदेश के बाद कलेक्टर उमरिया ने यह मामला अपर कलेक्टर कोर्ट में भेज दिया, जहां सुनवाई होती रही और उसके विरुद अनावेदक ठाकुर दास सचदेव द्वारा कमिश्नर न्यायालय में निगरानी पेश की गई, लेकिन वहां भी अदम पैरवी में मामला खारिज हो गया। जिसके बाद अपर कलेक्टर न्यायालय ने 98 लाख 29 हजार 117 रुपये का दण्ड अधिरोपित करते हुए 15 दिन में जमा करने का आदेश पारित कर दिया साथ ही भूमि रिक्त करने का भी आदेश पारित कर दिया। इस मामले में अपर कलेक्टर शिव गोविंद मरकाम ने बताया कि मामला उमरिया जिले के जिला मुख्यालय का जहां सालों से संचालित बांधवगढ़ होटल की लीज सरकार को यह कहकर ली गई थी कि वह रहवासी प्रयोजन करेगा, परंतु संबंधित ने उसे व्यवसायिक बना दिया, साथ ही खाली पड़ी भूमि पर अतिक्रमण भी कर लिया।

मामले को लेकर जिला सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई और न्यायालय ने संबंधित अतिक्रमण कारी को दोषी मानते हुए सरकारी भूमि खाली कराने का फरमान जारी किया है, वहीं अपर कलेक्टर न्यायालय ने लीज पट्टे से हटकर काम करने को उसका उपयोग व्यवसायिक रुप से किया गया जिसमें शासन को छति पहुंची है, इसको लेकर अपर कलेक्टर न्यायालय ने 98 लाख 29 हजार 117 रुपए का अर्थदंड लगाया है, जिसे जमा करने की अवधि 15 दिवस में दी गई है।

गौरतलब है कि शासन के नियमों की अनदेखी इतनी मंहगी पड़ेगी किसी ने सोचा भी नही था, लेकिन जिले के इतिहास में पहली बार इतना भारी- भरकम दण्ड और आदेश किसी मामले में सुनाया गया है जो चारो तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है।

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(Udaipur Kiran) / सुरेन्‍द्र त्रिपाठी

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