नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार ने किंग्सवे कैंप स्थित सेवा कुटीर कॉम्प्लेक्स में अत्याधुनिक पांच मंजिला एकीकृत भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। 2,060 वर्ग मीटर के प्लिंथ एरिया वाली इस नई इमारत का निर्माण 12,215 वर्ग मीटर के परिसर में किया जाएगा। इस आधुनिक सुविधा का उद्देश्य बच्चों के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ और अनुकूल वातावरण प्रदान करना है। एक बयान में दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, इस बहुमंजिला इमारत का निर्माण बच्चों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नई सुविधा के द्वारा यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक बच्चे को सुरक्षा और पुनर्वास का बेहतर अवसर मिले जिसके वे हकदार हैं। यह जरूरतमंद बच्चों के कल्याण के प्रति दिल्ली सरकार के अटूट समर्पण का प्रमाण है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रबंधित सेवा कुटीर कॉम्प्लेक्स में लंबे समय से सेवा और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों की देखभाल की जाती रही है। वर्तमान में यहां किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी), अस्पताल एवं पुनर्वास केंद्र और लड़कों के लिए आब्जर्वेशन होम (ओएचबी) है। पिछले कुछ वर्षों में मौजूदा बिल्डिंग काफी खराब हो गया है और यह आधुनिक कानूनी और कल्याणकारी जरूरतों के लिए अपर्याप्त हो गया है। इसके अलावा जुलाई 2023 की बाढ़ के बाद पुनर्विकास की आवश्यकता और भी अधिक बढ़ गई। इस बाढ़ में सीवेज का पानी परिसर से भर गया था, जिससे वर्तमान भवन को गंभीर क्षति हुई थी। भवन की जर्जर हालत को देखते हुए, इसका पुनर्निर्माण करना एक तत्काल प्राथमिकता बन गई है।
आधुनिक और व्यापक सुविधा-
बेसमेंट और स्टिल्ट फ़्लोर: इस तल पर पार्किंग सुविधाएं, सुरक्षा नियंत्रण, अग्नि नियंत्रण प्रणाली और हाउसकीपिंग रूम होगा।
ऊपरी भूतल: इस फ़्लोर पर न्यायिक सेवाएँ, जिनमें 2 किशोर न्याय बोर्ड, बोर्डरूम, वल्नरेबल विटनेस रूम और कानूनी सहायता क्लीनिक आदि शामिल हैं।
पहली मंजिल: इस तल पर एक 73 बिस्तरों वाला अस्पताल एवं पुनर्वास केंद्र होगा। इस अस्पताल एवं पुनर्वास केंद् में एक मिनी ऑपरेटिंग थिएटर, आपातकालीन कक्ष और परामर्श केंद्र भी होगा।
दूसरी मंजिल: भोजन और मनोरंजन क्षेत्र, कक्षाएँ, एक बहुउद्देश्यीय हॉल और एक पुस्तकालय यहाँ बनाए जायेंगे।
तीसरी और चौथी मंजिल: इस तल पर परामर्श कक्ष, सुरक्षा कक्ष, कल्याण अधिकारी और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के साथ, लड़कों के लिए अवलोकन गृह की दो इकाइयां, जिनमें कुल 100 बिस्तर हैं, बनाए जाएंगे।
सेवा कुटीर परिसर का पुनर्विकास मिशन वात्सल्य योजना, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और किशोर न्याय मॉडल नियम, 2016 के अनुरूप है। यह पहल यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है कि कमजोर बच्चों को लाभ मिले।
—————
(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी