Gujarat

राज्य के दूरदराज के गांवों तक हाई क्वालिटी मोबाइल और डिजिटल सेवाएं उपलब्ध होंगी

नई दिल्ली के भारत मंडपम में चल रही इंडिया मोबाइल कांग्रेस में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुजरात के शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पानशेरिया और राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार की मौजूदगी में सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में चल रही इंडिया मोबाइल कांग्रेस में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुजरात के शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पानशेरिया और राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार की मौजूदगी में सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।

-संशोधित भारतनेट कार्यक्रम के तहत केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय के यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड से 6 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे

-नई दिल्ली में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस में गुजरात और केंद्र सरकार के बीच सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

अहमदाबाद, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने राज्य के दूर दराज के गांव के लोगों को किफायती और हाई क्वालिटी मोबाइल एवं डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संशोधित भारतनेट कार्यक्रम फेज-3 के अंतर्गत भारतनेट नेटवर्क को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण सहयोग ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किया है।

नई दिल्ली के भारत मंडपम में चल रही इंडिया मोबाइल कांग्रेस में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुजरात के शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पानशेरिया और राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार की मौजूदगी में इस सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। यह सहयोग ज्ञापन पूरे गुजरात के डिजिटल कनेक्टिविटी परिदृश्य में एक समान कवरेज के लिए राज्य सरकार की विशिष्ट पहल के रूप में भारतनेट फेज-1 और फेज-2 तथा जिलों के बीच डिजिटल डिवाइड को दूर कर सुदूरवर्ती गांवों में भी 98 फीसदी से अधिक सर्विस अपटाइम हासिल करने में उपयुक्त बनेगा। इसके लिए राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने 10 वर्ष की अवधि के लिए वन टाइम कैपेक्स यानी एकमुश्त पूंजीगत व्यय और इस संशोधित भारतनेट कार्यक्रम के अंतर्गत 6000 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत की है।

इस डीपीआर में सिग्नल की शक्ति बढ़ाने के लिए फाइबर टू फार फ्लंग, टावर फाइबराइजेशन, कनेक्टेड और ग्रास रूट लेवल गवर्नेंस के लिए फाइबर टू फील्ड ऑफिस और फाइबर टू फैमिली जैसी परिसंपत्तियों का व्यापक उपयोग और राज्य सरकार के नेतृत्व वाली नेटवर्क डिजाइन और बहुआयामी दृष्टिकोण शामिल है। इसमें ग्रामीण आर्थिक क्षमताओं को अनलॉक करने के लिए फाइबर टू फाइनेंशियल इंटरप्राइजेज और कनेक्टेड विश्व के साथ-साथ नए रोजगार अवसरों के सृजन का भी समावेश किया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान 2009 में ‘ई-ग्राम विश्वग्राम प्रोजेक्ट’ शुरू कर ग्रामीण स्तर पर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से डिजिटल युग की शुरुआत की थी।

राज्य में 14 हजार से अधिक ई-ग्राम केंद्रों पर 320 से अधिक सेवाएं उपलब्ध हैं। अब, भारतनेट फेज-3 के साथ बाकी बचे ई-ग्राम केंद्रों को 98 फीसदी से अधिक अपटाइम नेटवर्क की सुनिश्चितता के साथ हाइब्रिड इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। राज्य में अभी 7499 स्कूलों, 600 स्वास्थ्य केंद्रों, 300 से अधिक पुलिस चौकियों के अलावा जीआईडीसी, पर्यटक स्थलों और प्रदर्शनी केंद्रों सहित 50 स्थलों को भारतनेट फेज-2 नेटवर्क में शामिल कर जोड़ा गया है। इसके अलावा, दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल सिग्नल को सुधारने के लिए 160 से अधिक टेलीकॉम टावरों को डार्क फाइबर लीजिंग के साथ फाइबराइज्ड किया जा रहा है।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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