Haryana

गुरुग्राम: भारत-कनाडा के बीच तनाव करेगा व्यापार को प्रभावित: दीपक मैनी

फोटो नंबर-01: दीपक मैनी।

-राजनीतिक लाभ के लिए जस्टिन ट्रूडो कनाडा के भविष्य से कर रहे खिलवाड़

गुरुग्राम, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारत और कनाडा के बीच रहे तनाव से दोनों देशों का व्यापार जगत प्रभावित होना लाजिमी है। यह समय और स्थिति बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। यह साफ है कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कनाडा के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह कहना है प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी का।

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में आयात-निर्यात करने वाले गुरुग्राम के उद्योग जगत की राय है कि इस स्थिति को समय रहते सही करने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो आयात-निर्यात प्रभावित हो जाएगा। भारत और कनाडा के बीच वर्तमान में चल रहे कूटनीतिक तनाव ने व्यापारिक समुदाय को असमंजस में डाल दिया है। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी ने इसे एक कठिन समय बताते हुए कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जिस प्रकार से अपने राजनीतिक लाभ के लिए भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत पर बिना किसी प्रमाण के अनैतिक आरोप लगा रहे हैं वह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। इससे कहीं ना कहीं कनाडा पर अधिक आर्थिक चोट पड़ेगी।

दीपक मैनी ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच करीब 8 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। कूटनीतिक रिश्तों में बढ़ती खटास का सीधा असर व्यापार पर पड़ सकता है। इससे व्यापारिक साझेदारियों और आपूर्ति श्रृंखलाओं में रुकावटें आ सकती हैं। मौजूदा राजनीतिक माहौल ने दोनों देशों की व्यापारिक संभावनाओं को खतरे में डाल दिया है। इससे व्यापारियों, उद्यमियों, और आम जनता को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

दीपक मैनी ने कहा कि अगर यह तनाव और गहराता है तो व्यापार में गिरावट आ सकती है। इससे न केवल व्यापारिक कंपनियों को नुकसान होगा, बल्कि इसका असर आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। उन्होंने भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए भी चिंता जाहिर की, जो बड़ी संख्या में कनाडा जाते हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा में पढऩे और काम करने वाले भारतीयों के लिए वीजा प्रक्रियाओं में बाधाएं आ सकती हैं। यह हमारे युवाओं के करियर के अवसरों को सीमित कर सकता है। इसके साथ ही, कनाडा की आईटी और अन्य प्रमुख इंडस्ट्री में काम करने वाले पेशेवर भी अनिश्चितता का सामना कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो प्रवासी भारतीय समुदाय कनाडा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, तनाव की स्थिति में मुश्किलें झेल सकता है। प्रवासी भारतीय दोनों देशों के बीच एक मजबूत पुल का काम करते हैं, लेकिन मौजूदा हालात में उनके लिए भी चुनौतियां बढ़ रही हैं।

(Udaipur Kiran) हरियाणा

Most Popular

To Top