भोपाल, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । हिंसा और उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को समग्र रूप से सहायता प्रदान करने के लिये वन स्टाप सेंटर प्रदेश के सभी जिलों में संचालित है। सेंटर के प्रशासकों और काउंसलर्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसी उद्देश्य से बुधवार को होटल पलाश में यूएन वूमन के सहयोग से वन स्टाप सेंटर के प्रशासकों और काउंसलर्स की 4 दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हुई।
यून वूमन की स्टेट लीड जयत्री रे ने ओएससी के प्रशासकों और काउंसलर्स की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हिंसा और उत्पीड़न की शिकार महिला जब अपने घर से वन स्टाप सेंटर पहुंचती है, तो उसे उम्मीद रहती है कि उसकी सहायता और बात सुनने-समझने के लिये कोई है। यही उम्मीद उन महिलाओं को अपनी जीवन के संवारने में सहायता करती है। रे ने कहा कि वन स्टाप सेंटर में कार्यरत प्रशासकों और काउंसलर्स को बहुत ही धैर्य और समझदारी से काम करना चाहिए। सेंटर में पीड़ित महिलाओं को कानूनी चिकित्सकीय और मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
मिशन शक्ति के संयुक्त संचालक सुरेश तोमर ने कहा कि हतोत्साहित व्यक्ति कभी भी किसी की मदद नहीं कर सकता और न ही किसी पीड़ित को मोटिवेट नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम व्यक्तिगत तौर पर सकारात्मक सोच नहीं रखेंगे तो वन स्टाप सेंटर्स में जो पीड़िता आ रही है, उसकी पीड़ा को सही तरीके से हम समझ नहीं पाएंगे। सकारात्मक सोच से जीवन का परसेप्शन बदल जाता है।
कार्यशाला में वन स्टाप सेंटर के प्रशासकों और काउंसलर्स को संवेदनशील मामलों को संभालने, संकट में महिलाओं को मनोवैज्ञानिक मदद करने और उन्हें कानूनी सहायता देने की तकनीकी सहायता दी गई। इसके अतिरिक्त महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक और आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं में सहायता प्रदान करने, एफआईआर दर्ज कराने से लेकर अदालत में सुनवाई तक की प्र्रियाओं की जानकारी दी गई।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत