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सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टली

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दिया है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को करने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि जिन दो गवाहों के बयान होने थे उनकी मौत हो गई है। एसआई भंवर सिंह और गौतम पालित की मौत हो चुकी है। इस मामले के जांच अधिकारी एसीपी अनिल कुमार कानून और व्यवस्था के इंतजामों को देखने के लिए अपने इलाके में व्यस्त हैं जिसकी वजह से वे पेश नहीं हो सके। आज अभियोजन पक्ष ने बयान दर्ज करने के लिए कुछ गवाहों को पेश करने की अनुमति मांगी। इस पर सज्जन कुमार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की गई जिसके बाद सुनवाई 18 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई।

बता दें कि 7 अक्टूबर को एक गवाह का बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज किया गया था। इसके पहले 27 अगस्त को दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ. सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए थे। 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे। इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे। 7 दिसंबर 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे। 9 नवंबर 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए। अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे, लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था। कोर्ट ने 12 अकटूबर 2023 को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे।

21 सितंबर 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोपी से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था।

23 अगस्त 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,153A, 295, 149, 307,308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। हालांकि कोर्ट ने एसआईटी द्वारा सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं, सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं।

मामला जनकपुरी का है।दरअसल 84 सिख दंगा के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को 1 नवंबर, 1984 की हत्या हुई थी। जबकि विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी। इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है।

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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