जयपुर, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विजयादशमी के अवसर पर शहर भर में विभिन्न जगहों पर मेले का आयोजन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। मेले में हजारों की संख्या स्थानीय लोगों ने झूले के साथ चटपटे व्यंजनों का लुत्फ उठाया। विद्याधर नगर स्टेडियम में सबसे बड़े रावण के पुतले का दहन हुआ। आदर्श नगर स्थित दशहरा मैदान में 105 फीट के रावण और 90 फीट के कुंभकरण के पुतले का दहन किया गया। 105 फीट के रावण दहन के समय भव्य आतिशबाजी हुई। जिससे आसमान में मछलियों जैसा नजारा देखने को मिला। इसके अलावा भव्य आतिशबाजी से आसमान में नियाग्रा फॉल की आकृति भी दिखाई दी। इसी के साथ आसमान में धूमकेतु जैसा नजारों ने मेले में आए लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।
विद्याधर नगर स्टेडियम – विद्याधर नगर स्टेडियम विकास समिति की ओर से रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया। समिति की ओर से 121 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया।रावण दहन के समय सतरंगी आतिशबाजी हुई। समिति के अध्यक्ष राजू मीणा के बताए अनुसार विद्याधर नगर स्टेडियम में प्रदेश का सबसे बड़े रावण के साथ 111 फीट के कुंभकर्ण के पुतले और 105 फीट के मेघनाथ के पुतले का दहन किया गया।
एक घंटे तक हुई आतिशबाजी- विद्याधर नगर स्टेडियम रावण दहन के समय करीब एक घंटे तक जमकर आतिशबाजी हुई। जो मेले में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही।
पुलिस की रही पुख्ता व्यवस्था – विद्याधर नगर स्टेडियम मेले में बढ़ती भीड़ और रावण,मेघनाथ की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने भारी जाप्ता तैनात रहा। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेले में दो द्वार बनाए गए । जिसमें एक द्वार अंदर व दूसरा बाहर जाने के लिए बनाए गए । वहीं मेले और रावण के पुतले की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए।
सद्भावना परिवार को 70 फीट का रावण- मानसरोवर स्थित अरावली मार्ग पर सद्भावना परिवार की ओर से 70 फीट के रावण का दहन रात साढ़े 10 बजे किया गया। कार्यक्रम संयोजक मनोज पाण्डेय ने बताया कि सद्भावना परिवार की ओर से हर साल विजयादशमी पर मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में प्रसिद्ध फिल्मी प्रांजल दहिया, गौ सेवक प्रकाश महाराज,दा मूड्स ऑफ रागा (लाइव बैंड), अनिल नागौरी लोक कलाकार, प्रसिद्ध कवि दिनेश बावरा ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। मेले में हनुमान चालीसा प्रबंध समिति के संयोजक अमरनाथ महाराज के सानिध्य में लोगों लोगों ने एक साथ राष्ट्रगान के साथ हनुमान चालीसा के पाठ किए।
आदर्श नगर – श्री राम मंदिर प्रन्यास श्री सनातन धर्म सभा के तत्वावधान में विशाल दशहरा महोत्सव आयोजित किया गया।
श्री कृष्ण बलराम मंदिर में हुआ रामलीला और रावण दहन का महा आयोजन
जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में विजयदशमी पर रामलीला,राम -लक्ष्मण अलंकार और रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। धार्मिक आयोजन का शुभारंभ श्री कृष्ण बलराम पालकी उत्सव से हुआ। जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण मंदिर परिसर में उपस्थित हुए। मंदिर परिसर में स्थित मथुरा गार्डन में भव्य रामलीला का मंचन हुआ। जिसमें बाल काण्ड भाग -1 और अयोध्या कांड भाग -1 विशेष रहा। रामलीला का निर्देशन गरुण पंडित दास ने किया।रामलीला मंचन में सबसे खास बात ये थी की रामलीला की स्क्रिप्ट तीन रामायणों को मिलाकर लिखी गई है। इस नाट्य प्रस्तुति के द्वारा भगवान रामचंद्र की लीलाओं का साक्षात्कार करने का अवसर प्राप्त हुआ।
कलाकार पिछले चार माह से कर रहे थे तैयारी
श्री कृष्ण बलराम मंदिर के अध्यक्ष अमितासना दास ने बताया कि विजयादशमी महोत्सव पर होने वाली रामलीला के लिए कलाकार पिछले चार माह से रामलीला की तैयारियों में जुटे हुए थे और पात्रों को मंच पर साकार करने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है। रामलीला के मंचन के बाद मंदिर प्रांगण में रावण का दहन समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इसके अलावा मानसरोवर,वैशाली नगर ,आमेर,रजनी विहार सहित अन्य इलाकों में दशहरे पर रावण दहन किया गया।
राजधानी में रही पुलिस की विशेष व्यवस्था
वहीं जयपुर पुलिस कमिश्नर की ओर से जयपुर शहर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित हुए दशहरा पर्व पर पुलिस अधिकारियों को शांति एवं कानून व्यवस्था संधारण के लिए सजग एवं सतर्क होकर कार्य करने के निर्देश दिए गए थे । जयपुर में पथ संचलन, दशहरा पर्व समापन तक शहर में कानून एवं शांति व्यवस्था सुधारने के लिए पुलिस उपायुक्त पूर्व, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण को अतिरिक्त पुलिस जाब्ता उपलब्ध कराया गया । इसमें अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक एवं सहायक उपनिरीक्षक, हैड कांस्टेबल,कांस्टेबल, हाडीरानी कम्पनी सहित होम गार्ड, आरएसी की कंपनियां तथा रिक्रूट कांस्टेबल को विशेष रूप से तैनात किया गया । पुलिस नियंत्रण कक्ष में आरएसी की कंपनी एवं हेड कांस्टेबल,कांस्टेबल का जाब्ता दिन व रात्रि के लिए दो पारियों में रिजर्व के रूप में रहा।
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(Udaipur Kiran)