-दुर्गा पूजा, रामलीला कार्यक्रमों के आयोजनों से व्यापार और अर्थव्यवस्था हुई मजबूत
-कारीगरों और श्रमिकों को बड़े पैमाने पर मिला रोजगार, दिवाली पर होगा बंपर व्यापार
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । देश में पिछले दस दिनों में 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। इस त्येाहारी सीजन में लाखों लोगों को रोजगार भी मिला है। अब दीपावली पर बंपर व्यापार होने की संभावना है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आ सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक सीट से भाजपा के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शनिवार को जारी एक बयान में यह बात कही।
कैट महामंत्री ने बताया कि राजधानी नई दिल्ली सहित देशभर में अगले एक महीने तक त्योहारों की धूम रहेगी। उन्होंने कहा कि पिछले दस दिनों के नवरात्र, दुर्गा पूजा, रामलीला, डांडिया एवं गरबा उत्सवों के आयोजनों एवं विभिन्न वस्तुओं की खरीदारी से अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। इन कार्यक्रमों के आयोजन से भारत की संस्कृति एवं सभ्यता को बढ़ावा मिला है। देश में व्यापार, सर्विस सेक्टर तथा अर्थव्यवस्था भी तेज़ी से मज़बूत हुई है तथा बड़े पैमाने पर कारीगरों, शिल्पकारों एवं श्रमिकों को भी बड़ा रोज़गार मिला है।
देश में दस दिनों में करीब 50 हज़ार करोड़ रुपये का व्यापार-
सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि देशभर में बड़े पैमाने पर लाखों छोटे-बड़े उत्सवों के माध्यम से पंडाल निर्माण से लेकर मूर्ति निर्माण, सजावट, भोजन, कपड़े, बिजली व्यवस्था, पूजा सामग्री, फल-फूल और सेवाओं से जुड़े कई व्यवसायों को बड़े पैमाने पर काम मिला है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि कैट के एक अनुमान के अनुसार पिछले दस दिनों में दिल्ली सहित देशभर में इन उत्सवों के कारण लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। अब कल से अगले एक महीने तक देशभर में दीपावली त्योहार की खरीदारी को लेकर बाजारों में काफी चहल-पहल रहेगी।
कारीगरों और श्रमिकों को मिला रोजगार का बड़ा अवसर-
कैट महामंत्री ने कहा कि देशभर में दुर्गा पूजा, रामलीला तथा नवरात्रि के पंडालों की भव्य सजावट और मूर्ति निर्माण में बड़ी संख्या में स्थानीय कारीगरों ने भाग लिया। पंडालों के निर्माण, बिजली व्यवस्था, सजावट और अन्य सहायक सेवाओं के लिए कारीगरों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिले हैं। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से मूर्ति निर्माण में लगे कलाकारों और कारीगरों के लिए यह समय विशेष लाभकारी साबित हुआ है, जिनकी मेहनत और कला ने इन आयोजनों को भव्य रूप प्रदान किया।
बाजारों में आई तेजी और विभिन्न उद्योगों को मिला लाभ-
खंडेलवाल ने कहा कि दुर्गा पूजा, नवरात्रि और रामलीला के दौरान देशभर के बाजारों में उपभोक्ता गतिविधियों में बड़ी तेजी आई है। कपड़े, आभूषण, सजावटी वस्तुएं, पूजा सामग्री, बिजली के सामान, साउंड और लाइटिंग तथा खाद्य वस्तुओं से जुड़े कारोबारों ने भारी मुनाफा कमाया है। इन त्योहारी सीजन में विशेष रूप से पारंपरिक और आधुनिक वस्त्रों, आभूषणों, और घरेलू सजावट के सामानों की खरीदारी में उछाल देखा गया है। देशभर में हजारों पंडालों और रामलीलाओं के मंचन से छोटे और मंझोले उद्योगों को महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
स्थानीय और शिल्प कारीगरों का विशेष महत्व-
उन्होंने कहा कि रामलीला, दुर्गा पूजा और नवरात्रि के दौरान विभिन्न प्रकार की मूर्तियों और पंडालों की सजावट के लिए स्थानीय शिल्प कारीगरों और हस्तशिल्प कलाकारों का विशेष योगदान रहा। वहीं, उनकी कला और कौशल ने इन कार्यक्रमों को और अधिक आकर्षक और मनमोहक बनाया। इन कारीगरों को इस अवसर पर विशेष रोजगार मिला, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।
रामलीला कार्यक्रमों से पर्यटन और होटल उद्योग को लाभ-
खंडेलवाल ने बताया कि रामलीला के भव्य मंचनों ने देशभर के छोटे और बड़े शहरों में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया। रामलीला के आयोजन स्थलों के आसपास के होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन सेवाएं और अन्य पर्यटन सेवाएं भी फलफूल रही हैं। रामलीला मंचन के दौरान बड़ी संख्या में दर्शक इन आयोजनों को देखने पहुंचे, जिससे स्थानीय व्यापार को मजबूती मिली है।
उन्हाेंने इस त्योहारी सीजन में हुए व्यापार और रोजगार सृजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से स्थानीय कारीगरों और छोटे व्यापारियों को बहुत लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि आने वाले त्योहारी सीजन में इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से व्यापार और रोजगार सृजन के और अधिक अवसर मिलेंगे।
(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर