कोलकाता, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) ।
उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज में अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टर आलोक वर्मा की हालत शनिवार को गंभीर हो गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। अलोक पिछले सात दिनों से अनशन पर थे और उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उनके साथ अनशन में शामिल डॉक्टर शौविक बंद्योपाध्याय फिलहाल स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
उधर कोलकाता के धर्मतला में आठ जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन पर बैठे हैं। इस आंदोलन की शुरुआत 5 अक्टूबर की रात 8:30 बजे से की गई थी। इसके अगले दिन, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो भी अनशन में शामिल हुए थे। गुरुवार की रात अनिकेत की हालत बिगड़ने पर उन्हें आरजी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अब भी उनकी स्थिति पर चिकित्सक नजर बनाए हुए हैं।
शुक्रवार रात ‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ की ओर से जानकारी दी गई कि अनशन में दो और डॉक्टरों ने हिस्सा लिया है। इनमें परिचय पांडा और अलोलिका घोड़ुई शामिल हैं। परिचय पांडा, शिशुमंगल अस्पताल के ईएनटी विभाग में पीजीटी द्वितीय वर्ष के छात्र हैं, जबकि अलोलिका, कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में पीजीटी प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। अब कोलकाता में अनशनरत डॉक्टरों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है, जबकि दो डॉक्टर उत्तरबंग मेडिकल कॉलेज से अनशन कर रहे थे। इन दस अनशनकारियों में से आलोक की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें शनिवार को सीसीयू में भर्ती कराना पड़ा।
अनशन में शामिल डॉक्टरों के स्वास्थ्य की दिन में दो बार जांच की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, सभी अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ती जा रही है। उन्हें चक्कर आने, रक्त शर्करा के स्तर में कमी, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव और पल्स रेट में गड़बड़ी की शिकायत हो रही है। कुछ मामलों में किडनी से जुड़ी समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिसके कारण अनशन जारी है और डॉक्टरों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर