कांग्रेस ने हरियाणा की जिम्मेदारी ऐसे नेता को सौंपी, जिसकी अपने हलके में भी पकड़ नहीं थी : एडवोकेट मुकेश सैनी
हिसार, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तीसरी बार करारी हार के साथ ही रार शुरू हो गई है। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग उपाध्यक्ष एडवोकेट मुकेश सैनी ने आरोप लगाया कि इस विधानसभा चुनाव में पार्टी की बागडोर ऐसे प्रदेश अध्यक्ष के हाथों में थी, जो लगातार दो बार से अपने खुद के हलके से चुनाव हार रहा हो। अब भी विधानसभा चुनाव में मिली हार दर्शाती है कि इस नेता की अपने हलके में कितनी पकड़ है।
एडवोकेट मुकेश सैनी ने शनिवार को कहा कि ऐसे नेता कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रही किरण चौधरी के बारे में कहते हैं कि क्या है किरण चौधरी? जबकि किरण चौधरी ने दूसरी पार्टी में जाकर भी अपनी पुत्री सहित अन्य कई सीटों पर चुनाव जिताने का काम किया। इसके बावजूद पार्टी के आला नेताओं ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसका परिणाम आज पार्टी को विधानसभा चुनाव में शिकस्त के रूप में भुगतना पड़ रहा है। कुमारी सैलजा सहित अन्य सभी वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए केवल एक नेता विशेष को टिकट वितरण में अहमियत देते हुए मजबूत प्रत्याशियों की लगातार अनदेखी की गई।
कांग्रेस नेता एडवोकेट मुकेश सैनी ने कहा कि कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को हराने के लिए ही चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय बागी कांग्रेसियों को समझा-बुझाकर बैठाने का प्रयास तक नहीं किया गया। उन्होंने उल्लेख किया कि अंबाला कैंट से कांग्रेस प्रत्याशी परविंदर परी के सामने चुनाव मैदान में उतरी बागी कांग्रेसी चित्रा सरवारा, उचाना में कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह के सामने बागी कांग्रेसी वीरेंद्र घोघड़िया को मनाकर नहीं बैठाया गया। नलवा से कांग्रेस प्रत्याशी अनिल मान के खिलाफ पर्चा भरने वाले संपत सिंह को व हांसी से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल मक्कड़ के सामने उतरे प्रेम सिंह मलिक व सुमन शर्मा तथा अंबाला सिटी से कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह के सामने खड़े बागी कांग्रेसियों हिम्मत सिंह व जसवीर मल्लौर के नामांकन वापस करवा लिए गए, क्योंकि इन सीटों पर नेता विशेष के समर्थक प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर