नाहन, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पांवटा साहिब के अंतर्गत सालवाला पंचायत में हर वर्ष लगने वाला नाग देवता मेला इस बार भी दशहरे के समय बड़े धूमधाम से शुरू हुआ। मेले में पांवटा क्षेत्र के साथ-साथ रेणुका, शिलाई व उत्तराखंड के जौनसार से लोग अपनी फसल का कुछ हिस्सा नजराने के रूप में नाग देवता के मंदिर में अर्पित करते हैं। यह परंपरा सदियों से यह परंपरा चली आ रही है।
राजा की पुत्रवधु की कोख से लिया था नाग देवता ने जन्म
स्थानीय लोगों की मानें तो सिरमौर के राजा की पुत्रवधु जब अपने मायके जोंसार से हिमाचल की ओर आ रही थी तो नसेर नामक स्थान पर उसने 2 बच्चों को जन्म दिया, जिसमें से एक पुत्र तथा दूसरे बच्चे ने नाग देवता के रूप में जन्म लिया। वह नाग देवता उसी समय इसी जगह पर धरती में समा गए तब से यहां पर नाग देवता के मंदिर की स्थापना की गई।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर