– ग्लोबल गोल्ड मार्केट की तेजी का भी घरेलू बाजार पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नवरात्रि की कमजोरी के बाद दशहरे के दिन सर्राफा बाजार में आई तेजी ने निवेशकों का चेहरा खिला दिया है। विजयादशमी के दिन सोने की खरीदारी करना पारंपरिक तौर पर शुभ माना जाता है। आज की तेजी के बाद सर्राफा बाजार के एक्सपर्ट्स बाजार में आमतौर पर तेजी का रुख बनने की संभावना जता रहे हैं। माना जा रहा है कि सर्राफा बाजार की ये तेजी आने वाले वेडिंग सीजन तक जारी रह सकती है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि त्योहारी सीजन में आमतौर पर सोने और चांदी की मांग काफी बढ़ जाती है। इस साल नवरात्रि का त्यौहार अपवाद जरूर रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में सर्राफा बाजार में तेजी आने की पूरी संभावना बनी हुई है। दशहरा के बाद करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली जैसे त्यौहार आने वाले हैं, जब पारंपरिक तौर पर सोने और चांदी की खरीदारी की जाती है। यही वजह है कि फेस्टिवल सीजन में सोने और चांदी की मांग बढ़ जाती है, जिससे इन चमकीली धातुओं के भाव में भी तेजी आ जाती है।
घरेलू सर्राफा बाजार में सोना ऑल टाइम हाई लेवल के करीब पहुंच कर कारोबार कर रहा है। इसी तरह चांदी भी सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा हुआ है। दिल्ली में चांदी 96 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार करके कारोबार कर रहा है, जबकि चेन्नई में इसकी कीमत पूरे देश में सबसे अधिक 1,02,100 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंची हुई है।
बुलियन मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के अनुसार दिवाली के बाद देश में शादी का सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में घरेलू बाजार में सोने और चांदी की खपत तुलनात्मक तौर पर ज्यादा बढ़ जाएगी। इससे स्वाभाविक रूप से उनकी मांग में इजाफा होगा और उनकी कीमत भी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर जैसी जियो-पोलिटिकल स्थित है, उसमें भी सोने चांदी की मांग में लगातार तेजी आने की संभावना बनी हुई है। अगर मिडल ईस्ट का तनाव और बढ़ा, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में तेजी आने की पूरी आशंका बनी हुई है।
इसके साथ ही अगर अमेरिका का केंद्रीय बैंक अमेरिकी फेडरेल रिजर्व इस साल ब्याज दरों में और कटौती करता है, तब भी सोने-चांदी कीमत में उछाल आ सकता है। मयंक मोहन के मुताबिक अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में तेजी आई, तो इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा, क्योंकि भारत में सोना-चांदी के पूरे कारोबार में से 80 प्रतिशत से ज्यादा कारोबार अंतरराष्ट्रीय बाजार से होने वाले आयात पर ही निर्भर करता है।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक