दंतेवाड़ा, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । रियासतकालीन बस्तर दशहरा में शामिल होने माता मावली की डोली एवं मां दंतेश्वरी का छत्र दंतेवाड़ा से आज शुक्रवार को जगदलपुर के लिए रवाना हो गया । डोली रवानगी के समय परंपरानुसार विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। पुलिस जवानों ने छत्र और डोली को हर्ष फायर कर सलामी दी। आज देर रात तक छत्र और डोली जगदलपुर पहुंचेगी। माई जी का जगह-जगह भव्य स्वागत की तैयारी की गई है। माता की डोली और छत्र का दर्शन करने श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ भी उमड़ी।
दंतेवाड़ा से डोली के रवानगी पर आंवराभाटा, कारली, हारम पारा, गीदम में बाबा मंदिर के सामने, शिरडी साईं समिति पंडाल, साहू समाज पंडाल में जबरदस्त स्वागत किया गया। डोली और छत्र के साथ मंदिर के पुजारी, सेवादार समेत जिला प्रशासन की टीम भी मौजूद है। आज शुक्रवार देर रात माता की डोली और छत्र जगदलपुर पहुंचेगा। यहां गीदम रोड में स्थित जिया डेरा में रोका जाएगा। जिसके बाद बस्तर दशहरा का सबसे आर्कषण मावली परघाव पूजा विधान शनिवार की रात्रि में संपन्न हाेगा। जिसमें दंतेवाड़ा से जगदलपुर पहुंचेमाता मावली की डोली एवं दंतेश्वरी का छत्र की अगवानी की जायेगी। जिसमें बस्तर राज परिवार के सदस्य माता की डोली और छत्र का स्वागत करने पहुंचेंगे। राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने बताया कि दंतेवाड़ा से यहां पंहुचे दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी जिया बाबा हमें खबर करेंगे कि डोली आ गई है और आपको वहां आना है। इसके बाद बस्तर के सभी देवी-देवताओं के साथ मैं वहां पहुंचकर माता का पूरे सम्मान पूर्वक स्वागत के बाद स्वयं डोली को उठाकर दंतेश्वरी मंदिर लाकर स्थापित किया जायेगा। जब दंतेश्वरी मंदिर से डोली दोबारा उठाया जााकर माता की विदाई के साथ बस्तर दशहरा का आगामी वर्ष के लिए परायण होता है। माता की विदाई 19 अक्टूबर काे हाेगी।
(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे