Uttrakhand

माता नंदा-सुनंदा पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में अंजुमन इस्लामिया ने भी की कड़ी कार्रवाई की मांग

नैनीताल, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । सोशल मीडिया पर किसी असामाजिक व्यक्ति द्वारा मां नंदा-सुनंदा पर की गई अभद्र और असम्मानजनक टिप्पणी को लेकर अंजुमन इस्लामिया सोसायटी ने सामाजिक सौहार्द के लिहाज से एक अच्छी पहल की है। सोसायटी के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस क्षेत्राधिकारी को ज्ञापन सौंपा और ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि माता नंदा-सुनंदा के मेले के दौरान अपशब्दों का प्रयोग करना न केवल निंदनीय है, बल्कि अपराध भी है। इस घटना का नैनीताल का सम्पूर्ण मुस्लिम समाज घोर विरोध करता है और दोषी के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्यवाही की मांग करता है।

ज्ञापन में बताया गया कि मुस्लिम समाज भारतीय संविधान का पालन करता है और सभी धर्मों के देवी-देवताओं का सम्मान करता है। इस्लाम धर्म की भी यह शिक्षा है कि किसी भी धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाई जाए। इस असामाजिक व्यक्ति द्वारा इस प्रकार की अपमानजनक भाषा का उपयोग कर शहर के आपसी सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है, जबकि उत्तराखंड और विशेष रूप से नैनीताल हमेशा से आपसी भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक रहे हैं।

अंजुमन इस्लामिया सोसायटी ने यह मांग भी की है कि इस मामले की गहन जांच कर दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, चाहे वह किसी भी समाज या धर्म से संबंध रखता हो।

उल्लेखनीय है कि इंस्टाग्राम पर माता नंदा-सुनंदा की कदली दल के स्वरूप में आगमन पर निकाली गयी वीडियो पर ‘छपरी के डैड’ नाम के उपयोक्ता ने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस संबंध में नगर के पंत पार्क में पिछले आठ दिनों से भजन-कीर्तन एवं रैली आदि के माध्यम से विरोध प्रदर्शित किया जा रहा है। पुलिस को शिकायत भी दर्ज की गयी है। वहीं पुलिस की जांच दिशाहीन नजर आ रही है।

मल्लीताल कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक पीएस मेहरा ने बताया कि मामले की जांच साइबर सेल से कराई जा रही है। लेकिन संबंधित पोस्ट डिलीट कर दी गयी है और संबंधित पोस्ट का यूआरएल उपलब्ध नहीं केवल स्क्रीन शॉट उपलब्ध है, इसलिये अब तक मामले में कुछ भी पता नहीं चला है।

गौरतलब है कि यदि पुलिस आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली संबंधित आईडी ‘छपरी के डैड’ का पता करने में अपनी ऊर्जा खर्च करे तो डिलीट की गयी पोस्ट को भी रिकवर किया जा सकता है और संबंधित व्यक्ति को भी पकड़ा जा सकता है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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