Haryana

झज्जर: बेरी मेले में दुर्गाष्टमी पर बेरी वाली मां के नारों से गूंज उठा आसमान

बेरी स्थित माता भीमेश्वरी देवी मन्दिर में शुक्रवार को दर्शन उपरांत पूजा अर्चना करते प्रशासनिक सचिव टीएल सत्यप्रकाश और डीसी कैप्टन शक्ति सिंह।

-मुख्य मेला के चलते दिनभर अलर्ट मोड पर रहा प्रशासन

झज्जर, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । महाभारत कालीन कस्बा बेरी में शुक्रवार को दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता भीमेश्वरी देवी के अंदर और बाहर वाले मंदिर में देवी की आराधना कर विधिवत पूजा अर्चना की। गुरुवार की रात को देवी के अंदर वाले भवन में माता के जयकारे लगाकर दूरदराज से आए भक्तों ने मां भगवती के दर्शन किए और मन्नत मांगी। परंपरा के अनुरूप रोजाना की भांति सुबह के समय माता को कड़ी सुरक्षा के बीच बाहर वाले मंदिर ले जाया गया,जहां भक्तों ने महाआरती में भाग लिया। शुक्रवार को जिला झज्जर के लिए नियुक्त प्रशासनिक सचिव टीएल सत्यप्रकाश आईएएस और डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने देवी मंदिर में विधिवत रूप से पूजा अर्चना की। इसके उपरांत डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने मेला परिसर में अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने स्काउट एंड गाइड द्वारा मेला में भक्तों की मदद की प्रशंसा की और भविष्य में भी सेवाभाव से जरुरत मंद की मदद के संकल्प का आह्वान किया। दूसरी ओर एसडीएम रविंद्र मलिक और एसीपी अनिल कुमार अल सुबह से ही मंदिर में स्थिति का जायजा लेते रहे। मेला में श्रद्धालुओं ने प्रशासन द्वारा मेला के चलते किये गए प्रबंधों की सराहना की। माता भीमेश्वरी देवी मेले में हर श्रद्धालु को बिना किसी कठिनाई के माता के दर्शन हो सकें, इसके लिए प्रशासन द्वारा आवश्यक इंतजाम किए गए थे। अष्टमी के दिन श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सभी जरूरी तैयारियां की गई थी। मेला में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जहां खोया पाया सुविधा केंद्र बनाया गया था, वहीं एलईडी स्क्रीन के जरिये भक्तों के दर्शन की व्यवस्था की गई थी। कंट्रोल रूम से मेला परिसर में स्थापित आठ दर्जन से ज्यादा सीसीटीवी के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था की मांटिरिंग की गई। बेरी मेला में आए हजारों श्रद्धालुओं ने अपने शिशुओं के मुंडन और गठजोड़ों की जात लगाकर माता भीमेश्वरी देवी के दर्शन किए। इसके उपरान्त बाय नामक तालाब से मिट्टी निकालकर पुरानी परंपरा को बरकरार रखा। बताया जाता है कि प्राचीन काल से ही माता के दर्शन उपरांत तालाब से मिट्टी निकाली जाती थी,जिसके कारण आज भी मान्यता के अनुरूप आज भी देवी दर्शन को आने वाले भक्तों ने मंदिर के साथ लगते तालाब से मिट्टी निकालकर कार सेवा की। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा तालाब पर सुरक्षा के मद्देनजर स्टील की ग्रिल लगाई गई हैं, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना हो सके।मेला में माता के दर्शन को आने वाले भक्तों की रेडक्रॉस वालंटियर्स और स्काउट्स के विद्यार्थियों ने दिन भर की सहायता की। स्काउट्स गाइड ने स्काउट प्रभारी प्राचार्य कृष्ण कुमार शर्मा और मास्टर चांद राम रोहिल्ला के मार्गदर्शन में वृद्ध और दिव्यांगों को मंदिर तक पहुंचाया और माता के दर्शन कराए। मेला में दिल्ली के रेवला खानपुर निवासी सुधीर कुमार, होशियार सिंह, उत्तम नगर की रहने वाली सुषमा रानी, लखनऊ से आए आनंद अग्रवाल, कानपुर निवासी लाला गोपाल दास, गुरुग्राम निवासी कुसुम यादव, रीतेश कुमार, भीलवाड़ा से दर्शन के लिए आए पुष्पेंद्र सिंह आदि ने बताया कि पिछले कई सालों से हर मेले में कुछ नया देखने को मिलता है। इस बार मेला में साफ -सफाई,पर्याप्त बेरिकेटिंग व्यवस्था,जीग जैग में एलईडी सुविधा सहित अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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