– दुर्घटना के दूसरे दिन ही मलबे के साथ मिल गए थे दो सदस्यों के पार्थिव अवशेष
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । अरब सागर में पिछले माह गिरकर डूबे भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव के लापता पायलट इन कमांड का पार्थिव शरीर पोरबंदर से लगभग 55 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में समुद्र से बरामद कर लिया गया है। दुर्घटना के दूसरे दिन ही हेलीकॉप्टर का मलबा मिलने के साथ चालक दल के दो सदस्यों के पार्थिव अवशेष समुद्र से बरामद किए गए थे। अब चालक दल के तीसरे सदस्य के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार आईसीजी की परंपराओं और सम्मान के अनुसार किया जाएगा।
गुजरात में चक्रवाती मौसम के दौरान बिगड़े हालात में मोटर टैंकर हरि लीला से गंभीर रूप से घायल चालक दल के सदस्य को निकालने के लिए आईसीजी के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) मार्क-III ध्रुव को लगाया गया था। पिछले माह 2 सितंबर की रात लगभग 11.00 बजे मेडिकल निकासी मिशन पर निकले एएलएच हेलीकॉप्टर में दो पायलट और दो गोताखोर सवार थे। जब हेलीकॉप्टर निकासी के लिए पोत के पास पहुंच रहा था, उसी समय 11.15 बजे आपातकालीन लैंडिंग के दौरान हेलीकॉप्टर चालक दल समेत समुद्र में गिरकर डूब गया। इसके बाद चलाये गए सर्च ऑपरेशन के दौरान 03 सितम्बर को हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया और एक गोताखोर को जिंदा बरामद कर लिया गया।
इसके बाद आईसीजी ने हेलीकॉप्टर के दोनों लापता पायलटों और एक गोताखोर की तलाश में 04 जहाजों और दो विमानों को लगाया। सर्च ऑपरेशन के दौरान दूसरे दिन ही हेलीकॉप्टर (फ्रेम संख्या सीजी 863) का मलबा बरामद होने के बाद चालक दल के दो सदस्यों कमांडेंट (जेजी) विपिन बाबू और प्रधान नाविक करण सिंह के शव मिल गए। इसके बाद आईसीजी ने अपने एएलएच ध्रुव बेड़े की सुरक्षा जांच के आदेश दिए और घटना की गहन जांच होने तक मल्टी मिशन हेलीकॉप्टरों की उड़ानों पर रोक लगा दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी से पता चला है कि तटरक्षक बल के पोरबंदर स्थित 835 स्क्वाड्रन का हेलीकॉप्टर समुद्र में नाक के बल (नोज ड्राइव) गिरा था। आईसीजी ने चालक दल के लापता तीसरे सदस्य की तलाश में व्यापक खोज और बचाव अभियान जारी रखा।
आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि भारतीय नौसेना और अन्य हितधारकों के साथ लगातार सर्च ऑपरेशन का नतीजा रहा कि मिशन के पायलट इन कमांड कमांडेंट राकेश कुमार राणा का शव 10 अक्टूबर को पोरबंदर से लगभग 55 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में समुद्र से बरामद किया गया है। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार आईसीजी की परंपराओं और सम्मान के अनुसार किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम