जयपुर, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कानून का इकबाल बुलंद रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसे सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी है। उन्होंने महिलाओं एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के प्रति अपराधों में कमी लाने के लिए पुलिस तंत्र की हौसला अफजाई की। वहीं साइबर अपराध और अवैध नशे के कारोबार में लिप्त अपराधियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए।
महिला, एससी-एसटी अपराधों में उल्लेखनीय कमी—
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग की सजगता एवं सर्तकता के चलते गत वर्ष की तुलना में राज्य में अपराधों का ग्राफ तेजी से गिरा है। राज्य स्तर पर कुल अपराधों में राज्य में 7.3 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही, महिला अत्याचारों में भी 8.8 प्रतिशत की कमी तथा अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार के मामलों में भी 13.96 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में गृह विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आपकी सजगता एवं सतर्कता कानून व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि अपराधियों में पुलिस का खौफ इतना होना चाहिए कि या तो वे अपराध छोड़ दें अथवा प्रदेश छोड़कर चले जाएं। राज्य में अराजकता और अशांति फैलाने का इरादा रखने वाले असामाजिक तत्वों की रोकथाम के लिए पुलिस खूफिया तंत्र और मुखबिर व्यवस्था का बेहतरीन उपयोग करते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करें।
शर्मा ने कहा कि साइबर अपराध से निपटने के लिए पुलिस लगातार काम कर रही है तथा साइबर थानों का गठन भी किया गया है। उन्होंने भरतपुर में साइबर अपराध को रोकने के लिए किए जा रहे कामों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम पर पुलिस विभाग लगातार मॉनिटरिंग करे। साथ ही, पुलिस विभाग की प्रतिमाह समीक्षा की जाए।
शर्मा ने कहा कि राज्य में लगभग 90 हजार सीएलजी सदस्य तथा 31 हजार 441 ग्राम रक्षक हैं। कम्यूनिटी पुलिसिंग के माध्यम से अपराध नियंत्रण, समाज में जागरुकता तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोगी भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नवाचारों को प्रोत्साहन दिया जाए तथा अपराध को रोकने में जो पुलिस का सहयोग कर रहे हैं, उन लोगों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाए। साथ ही, अपराधियों, असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
नारकोटिक्स विभाग जिम्मेदारी तय करते हुए करे कार्रवाई—
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी के लिए मादक पदार्थ सामाजिक एवं सेहत की दृष्टि से बेहद नुकसानदेह है। नशे की प्रवृत्ति पूरा परिवार समाप्त कर देती है। नारकोटिक्स विभाग जिम्मेदारी तय करते हुए नशे के विरूद्ध कार्रवाई करें। हमारा लक्ष्य है कि मादक पदार्थों के सेवन की प्रवृत्ति से युवाओं को बचाया जाए।
जेल में मोबाइल फोन की घटनाओं की नहीं हो पुनरावृत्ति—
शर्मा ने जेलों में मोबाइल फोन संबंधी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए इनकी भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं होने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जेल परिसर में अपराधियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल पाए जाने पर संबंधित जेल कार्मिक की जिम्मेदारी तय कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान पुलिस का कार्य बेहतरीन—
मुख्यमंत्री ने पेपरलीक प्रकरणों में एसओजी द्वारा किए जा रहे अनुसंधानों की तारीफ करते हुए कहा कि पूरे देश में एसओजी की कार्रवाई की वाह-वाही हो रही है। राज्य सरकार ने इन प्रकरणों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर कार्य किया। पुलिस विभाग मजबूत रहने से देश में राज्य की साख बढ़ती है। उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण में राजस्थान की पुलिस बेहतरीन कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पुलिस थानों में वुमन हेल्प डेस्क की स्थापना, प्रत्येक जिले में महिला थाना, नवीन पुलिस चौकियों की स्थापना, पुलिस चौकी व थाना क्रमोन्नयन, साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स, पुलिस थानों में इन्टरनेट कनेक्टिविटी, सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग सहित विभिन्न विषयों पर समीक्षा की। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पुलिस विभाग, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, कारागार विभाग, अभियोजन, गृहरक्षा विभाग की बजटीय घोषणाओं की समीक्षा तथा भविष्य की कार्ययोजना के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, पुलिस महानिदेशक यू. आर. साहू, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से अन्य पुलिस अधिकारी जुड़े।
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(Udaipur Kiran)