नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । साहित्य में 2024 का नोबेल पुरस्कार दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को उनके गहन काव्यात्मक गद्य के लिए दिया गया है, जो पुराने सदमों का सामना करता है और मानव जीवन की नाजुकता को उजागर करता है।
हान कांग को साहित्य में नोबेल पुरस्कार 2024 की घोषणा आज स्वीडिश अकादमी के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने की।
हान कांग का जन्म 1970 में दक्षिण कोरियाई शहर ग्वांगजू में हुआ था। नौ साल की उम्र में वह अपने परिवार के साथ सियोल चली गई थीं। वह एक साहित्यिक पृष्ठभूमि से आती हैं। उनके पिता एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार हैं। अपने लेखन के साथ-साथ उन्होंने खुद को कला और संगीत के लिए भी समर्पित कर दिया है, जो उनके संपूर्ण साहित्यिक उत्पादन में परिलक्षित होता है।
हान कांग ने अपना करियर 1993 में पत्रिका ‘साहित्य और समाज’ में कई कविताओं के प्रकाशन के साथ शुरू किया। उनकी गद्य की शुरुआत 1995 में लघु कहानी संग्रह ‘लव ऑफ येओसु’ के साथ हुई। इसके तुरंत बाद उपन्यास और लघु कथाएँ दोनों और कई अन्य गद्य कृतियाँ आईं।
कांग को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सफलता उपन्यास (2007; ‘द वेजिटेरियन’, 2015) से मिली। तीन भागों में लिखी गई यह पुस्तक उन हिंसक परिणामों को चित्रित करती है, जो तब उत्पन्न होते हैं, जब इसका नायक येओंग-हे भोजन सेवन के मानदंडों का पालन करने से इनकार कर देता है। मांस न खाने के उसके फैसले को विभिन्न, पूरी तरह से अलग-अलग प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा