शिमला, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में मस्ज़िद के अवैध निर्माण को लेकर चल रहा विवाद थम नहीं रहा है। मस्जिद मामले को लेकर नगर निगम कोर्ट के फैसले को जहां ऑल हिमाचल मुस्लिम संगठन ने ऊपरी अदालत में चुनौती देने का ऐलान किया है, वहीं दूसरी तरफ हिन्दू सगंठन देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली बाजार में कारोबार करने वाले बाहरी राज्यों से आए विशेष समुदाय (मुस्लिमों) का आर्थिक बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली शहर में हिंदुओं के प्रतिष्ठानों में सनातन सब्जी और दुकान वाला नाम के बोर्ड लगाए। समिति यहां के लोगों से बाहरी राज्यों से आ रहे विशेष समुदाय का आर्थिक बॉयकॉट करने की बात कही।
देवभूमि संघर्ष समिति का कहना है कि ‘सनातन सब्जी वाला’ लगाने का मकसद यह है कि स्थानीय लोग हिंदू दुकानदारों से खरीददारी करें और बाहरी लोगों का बहिष्कार करें।
देवभूमि संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि समिति की ओर से इस तरह के बोर्ड लगाने का अभियान शुरू किया गया है। संजौली में हिन्दू सब्जी वाले भाइयों को प्रमोट करने के लिए स्नातन के बोर्ड लगाए जा रहे हैं और लोगों से गुजारिश कर रहे हैं कि हिन्दू दुकानदारों से सामान खरीदे। इसके पीछे सनातन विचारधारा को बढ़ावा देने की सोच है। उन्होंने कहा कि वे लोगों से ये भी अपील कर रहे हैं कि बाहरी लोगों से वह खरीददारी न करें और स्थानीय दुकानदारों को आगे बढ़ाएं।
विजय शर्मा ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भारी तादाद में बाहर से समुदाय विशेष के लोग बिना रजिस्ट्रेशन के कारोबार करने यहां पहुंच रहे हैं और यहां के शांत माहौल को खराब कर रहे हैं। इनका बायकॉट करना है। इसके लिए देवभूमि संघर्ष समिति ने स्थानीय दुकानदारों को आगे बढ़ाने का बीडा उठाया है।
इस बीच देवभूमि सँघर्ष समिति की ओर से दुकानों में सनातन के बोर्ड लगाए जाने के बाद पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। संजौली बाज़ार में तैनात पुलिस के जवान हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं, ताकि माहौल खराब न हो। संजौली में मस्ज़िद मुद्दे को लेकर देवभूमि सँघर्ष समिति के बैनर तले हिन्दू समाज के लोगों ने बीते 11 सितंबर को उग्र प्रदर्शन किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़कर मस्जिद स्थल के समीप घुस गए थे। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी थी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा