– मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए कार्य स्थल पर नियोक्ता व कर्मचारी मिलकर काम करें: जिला न्यायाधीश दवंडे
ग्वालियर, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर के उपलक्ष्य में बुधवार को मानसिक आरोग्यशाला में कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता विषय पर जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष पीसी गुप्ता के मार्गदर्शन में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के तहत इस शिविर का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं मानसिक आरोग्यशाला के संयुक्त तत्वावधान में यह शिविर आयोजित हुआ।
शिविर में मानसिक स्वास्थ्य व अवसाद के कारण एवं मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने के उपाय, कार्य स्थल पर मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिये जरूरी सुविधाएं इत्यादि विषयों पर विशेषज्ञ वक्ताओं ने उपयोगी जानकारी दी गई। शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मानसिक आरोग्य शाला, भारतीय चिकित्सा संघ ग्वालियर, लायंस क्लब व रेड क्रॉस के पदाधिकारियों ने सहभागिता की।
इस अवसर पर जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आशीष दवंडे ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रखने के लिए कार्य स्थल का वातावरण सकारात्मक और बेहतर होना जरूरी है। इसके लिए नियोक्ता और कर्मचारियों को एक दूसरे के सहयोग से व संगठन के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने के लिए मन और मस्तिष्क को आनंदित रखना आवश्यक है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा ने मानसिक रोगियों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, नालसा टोल फ्री नंबर 15100 व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मानसिक रोगियों के लिए उपलब्ध निशुल्क विधिक सहायता के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में मानसिक आरोग्य शाला के संचालक डॉ. संजय लहारिया ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का महत्व, मानसिक स्वास्थ्य व कार्यस्थल के बीच महत्वपूर्ण संबध, मानसिक स्वास्थ्य पर जन जागरूकता की आवश्यकता आदि पर विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता ” पर डॉ. वर्षा ने विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य खराब होने के कारण तथा उसके लक्षणों के बारे में विस्तृत रूप से प्रेजेंटेशन दिया। डॉ साक्षी ने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए तनाव एवं अवसाद प्रबंधन पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। कार्यक्रम में भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ बृजेश सिंघल ने भावनात्मक नियंत्रण, सकारात्मक सोच व आध्यात्मिक को मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद बताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए किये जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।
भारतीय चिकित्सा संघ ग्वालियर की सचिव डॉ स्नेहलता दुबे ने कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए ब्रेस्ट फीडिंग और महिला टॉयलेट की उपलब्धता को मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में ये बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध न होना महिलाओं के लिए मानसिक तनाव या मानसिक अवसाद का कारण बन जाता है। कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अमन किशोर ने मानसिक आरोग्यशाला की स्थापना से लेकर वर्तमान तक मानसिक आरोग्य शाला द्वारा मानसिक रोगियों की चिकित्सा, उनका प्रबंधन, प्रक्रिया आदि से अवगत कराते हुए टेली मानस सुविधा का संचालन व सफलता के विषय में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की।
लायंस क्लब के अध्यक्ष राजीव वाधवानी ने बताया कि उनको भी एक मानसिक समस्या से गुजरना पड़ा है, लेकिन समय पर मनोचिकित्सक से चिकित्सा लेकर उन्होंने उस समस्या को दूर कराया है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य को आवश्यकता मानते हुए समय पर उसकी चिकित्सा कराया जाना आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन डॉ कृतिका ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ अभिजीत ने किया। इस अवसर पर रेड क्रॉस सोसाइटी ग्वालियर से डॉ नवल किशोर शुक्ला,डॉ अनिल दोहरे सहित मानसिक आरोग्य शाला के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाप, मेडिकल स्टूडेंट्स आदि उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) तोमर