देहरादून, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून को लेकर राज्य वासियों में उत्साह का वातावरण है लेकिन विपक्षी कांग्रेस और उनके सहयोगी ढुलमुल और असमंजस की स्थिति में हैं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के यूसीसी पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस किसी भी सुधार की प्रक्रिया और विकास को लेकर नकारात्मक रुख अपनाती रही है। इसी तरह यूसीसी को लेकर वह शुरू से ही विरोध करती रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार देने को लेकर एक कानून बन रहा है तो इसमें कांग्रेस को दिक्कत क्यों और किसके लिए है? कांग्रेस हमेशा ही समान नागरिक संहिता को मुस्लिम समुदाय के विरोध में साजिश का प्रचार कर भाजपा के खिलाफ एजेंडा चलाती रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी के गठन की प्रकिया के दौरान जब सुझाव लिए जा रहे थे तो कांग्रेस उसकी खामियां ढूंढने में लगी रही और वह इसे साजिश करार देने के लिए प्रचारित करती रही। वह तब से सवाल उठाती रही, जब से ड्राफ्ट तैयार करने की शुरुआत हुई। राजनैतिक दलों की राय के लिए आमंत्रित किये जाने पर भी वह बैठकों का बहिष्कार करती रही। इससे साफ होने लगा था कि वह इस कानून का विरोध करने वालों को नाराज नही करना चाहती थी।
उन्होंने कहा कि जो कानून देश को धर्म के आधार पर बांटे और समाज मे ऊंच नीच की भावना को प्रश्रय दे, उसे देश और समाज हित में हटाकर समान नागरिक कानून बनाना ही चाहिए। धामी सरकार की ओर से लाए गए यूसीसी में सभी प्राविधान संविधान के अनुरूप रखे गए हैं और विस्तृत अध्ययन के बाद ही बिल को अंतिम रूप दिया गया है।
चौहान ने बताया कि ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने से पहले हजारों लोगों से जनसंपर्क, 30 से भी अधिक बैठकें, 43 जन संवाद कार्यक्रम और 2.33 लाख लोगों से सुझाव लिए गए। यह कानून विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति विवाद में एक समान कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लाल किले की प्राचीर से देश में सेकुलर सिविल कोड की घोषणा कर चुके हैं जो कि राज्य सरकार की ओर से बनाये गए यूसीसी पर मुहर है। सुप्रीम कोर्ट अपने कई फैसलों में नागरिकों के लिए एक समान कानून बनाने पर जोर दे चुका है। लेकिन देश में 75 साल बाद भी कम्युनल सिविल कोड को क्यों नही हटाया जा सका, इससे कांग्रेस की मंशा को समझा जा सकता है। कांग्रेस न संविधान की मूल भावना और न ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन कर सकी। वह अवसरवादी राजनीति को ही जन सेवा मानती रही है जनता उसकी हकीकत को समझ चुकी है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार