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आरएएस भर्ती की उत्तर पुस्तिका जांचने में भेदभाव करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2021 की मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका को जांचने में भेदभाव करने पर प्रमुख कार्मिक सचिव व आरपीएससी सचिव से जवाब तलब किया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश रणजीत की याचिका प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि उसने आरएएस भर्ती- 2021 में भाग लिया था और उसका चयन आबकारी विभाग में हो गया। भर्ती की मुख्य परीक्षा में याचिकाकर्ता ने अन्य प्रश्नों के अलावा तीन सवालों के जवाब दिए थे और कुछ अन्य अभ्यर्थियों ने भी इन्हीं तीन सवालों के याचिकाकर्ता के समान उत्तर लिखे थे। इसके बावजूद आरपीएससी ने अन्य अभ्यर्थियों को तो इन उत्तरों के अंक दे दिए, लेकिन याचिकाकर्ता को उन उत्तरों के अंक नहीं दिए गए। इसके चलते वह भर्ती की मेरिट में नीचे चला गया और उसे निचले पद पर नियुक्ति से ही संतोष करना पडा। याचिकाकर्ता की ओर से अन्य अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका भी पेश की गई। याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने सवालों के उत्तर जांचने और उसके अंक देने में अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव किया है। इसलिए याचिकाकर्ता को भी तीन उत्तरों के अंक का लाभ दिया जाए। जिससे उसकी मेरिट भर्ती में ऊपर आए और उसे उच्च पद का लाभ मिले। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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(Udaipur Kiran)

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