कोलकाता, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जयनगर की बच्ची के हत्या मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने सवाल उठाया कि कल्याणी एम्स जैसे केंद्रीय अस्पताल में पोस्टमार्टम की बुनियादी सुविधा न होने का क्या औचित्य है। न्यायमूर्ति तीरथंकर घोष ने मंगलवार को इस मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की सुविधाएं क्यों नहीं हैं और क्यों राज्य के लोगों को इलाज के लिए दक्षिण भारत जाना पड़ता है।
इस मामले में पीड़ित के परिवार ने केंद्र से मांग की थी कि पोस्टमार्टम किसी केंद्रीय अस्पताल में हो। पहले कमांड अस्पताल ने असमर्थता जताई और फिर कल्याणी एम्स ने कहा कि उनके पास पोस्टमार्टम करने की सुविधाएं नहीं हैं। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर जयनगर की नौ वर्षीय मृतका का पोस्टमार्टम कल्याणी के जेएनएम अस्पताल में हुआ जिसमें एम्स के डॉक्टरों ने सहयोग किया। प्रारंभिक रिपोर्ट में यौन शोषण और गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई।
कोर्ट ने सवाल किया कि एक केंद्रीय अस्पताल, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई होती है, वहां डॉक्टरों को पोस्टमार्टम कैसे सिखाया जा रहा है? क्या बिना सिखाए ही डॉक्टर बनाए जा रहे हैं? कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया कि दिल्ली एम्स या ऋषिकेश एम्स की तरह ही कल्याणी एम्स में भी बेहतर सुविधाएं विकसित की जाएं। इस काम को 31 दिसंबर 2025 तक पूरा करना होगा। यदि इस प्रक्रिया में राज्य सरकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो राज्य सरकार भी सहयोग करे।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की शिकायतें कल्याणी एम्स के बारे में न आएं, इसके लिए केंद्र को ठोस कदम उठाने होंगे।
—————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर