– 75 लाख से अधिक व्यक्तियों को मिला रोजगार, 48 हजार 710 करोड़ का हुआ निवेश
भोपाल, 8 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की समीक्षा में विभागीय योजनाओं के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन पर संतोष जताया है। विगत दिनों हुई समीक्षा में बताया गया कि प्रदेश में दर्ज 14 लाख 39 हजार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों द्वारा लगभग 75 लाख 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है। इन छोटी-छोटी इकाइयों में 48 हजार 710 करोड़ का निवेश हुआ है। मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर को कम करने में एमएसएमई विभाग की सर्वाधिक बड़ी भूमिका है। यह जानकारी मंगलवार को जनसम्पर्क अधिकारी राजेश बैन ने दी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप से कहा है कि सर्वाधिक रोजगार सृजन की संवाहक सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम इकाइयों का प्रदेश में सुव्यवस्थित विकास करें और अगले पांच वर्ष में 70 से 80 लाख एमएसएमई स्थापना का लक्ष्य लेकर कार्ययोजना बनाएं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को सहयोग करने के साथ इनका बड़े उद्योगों में संवर्धन कराने के लिए भी योजनाओं के माध्यम से सहायता करती है। प्रदेश में सतत् रूप से इन उद्यमों के लिए औद्योगिक क्षेत्रों का प्रबंधन और विकास किया जा रहा है।
शासन की नीति अनुसार संयंत्र एवं मशीनरी अथवा उद्योग में एक करोड़ रुपये के निवेश तथा पांच करोड़ रुपये तक के वार्षिक टर्न ओवर को सूक्ष्म, 10 करोड़ रुपये तक के निवेश और 50 करोड़ रूपये तक के टर्न ओवर को लघु और 50 करोड़ तक के निवेश और 250 करोड़ रुपये के टर्न-ओवर को मध्यम उद्यम के दायरे में रखा गया है। मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना में इकाईयों को सामान्यत: 40 प्रतिशत अनुदान तथा खाद्य प्र-संस्करण उद्योगों को 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2021-22 में 463 उद्यमों, 22-23 में 483, 23-24 में 774 इकाईयों को लाभ दिया गया है। इस वित्त वर्ष में अब तक 616 इकाइयों के प्रस्ताव प्राप्त हुए है।
प्रदेश में अब तक उत्पादन, सेवा और व्यापार में वर्ष 2020-21 में 1 लाख 11 हजार 716 एमएसएमई इकाईयां, वर्ष 2021-22 में 2 लाख 45 हजार 341, वर्ष 2022-23 में 3 लाख 60 हजार 442, और गत वित्त वर्ष 2023-24 में 4 लाख 57 हजार 499 एमएसएमई इकाइयां पंजीबद्ध हुई है।
(Udaipur Kiran) तोमर